साहब अहमद मुख्त्यार, इमाम अब्दुल कादिर और श्री गांधी आदिने भाषण दिये। बादमें श्री उमर हाजी आमद झवेरी, अमीरुद्दीन मुहम्मद हुसेन फजंदार, श्री हाजी इब्राहीम अहमद दीनदार, श्री अहमद सालेजी कुवाड़िया, श्री सुलेमान मुदजी कासिम तथा श्री पीरन मुहम्मदको सूरत कांग्रेसके लिए प्रतिनिधि नियुक्त किया गया। उसी समय कांग्रेसके चन्देकी वसूली शुरू की गई। श्री अमीरुद्दीनने भाषण देते हुए खूब प्रयत्न करनेको कहा।
इंडियन ओपिनियन, १६-११-१९०७
२८७. डर्बनमें दीवाली-महोत्सव
ग्रे स्ट्रीटमें श्री अब्दुल लतीफके मकान में दीवालीका त्यौहार मनाने के लिए हिन्दुओंका एक सम्मेलन हुआ। मकान अच्छी तरह रोशनीसे सजाया गया था और वादक इत्यादि भी बुलाये गये थे। मुहूर्त के अनुसार सरस्वती पूजन होने के बाद केशवलाल महाराजने दीवाली-महात्म्य पढ़कर सुनाया। श्री अम्बालालजीने आशीर्वचनके श्लोक सुनाये। उसके बाद सम्मेलनकी समितिका एक शिष्टमण्डल श्री गांधीको लेनेके लिए स्टेशन गया। लगभग साढ़े सात बजे श्री गांधी आये। उनके साथ सेठ अब्दुल करीम, रुस्तमजी सेठ, सेठ दाउद उस्मान इत्यादि भी पधारे थे। श्री अम्बारामन देश-सेवापर प्रभावशाली भाषण दिया। श्री गांधीने ट्रान्सवालके भारतीयोंकी स्थिति बताते हुए कहा कि आज तो ट्रान्सवाल भारतीयोंकी होली है, और जब वे संघर्ष में जीतेंगे, तभी उनको वास्तविक दीवाली कहलायेगी। श्री गांधीने ट्रान्सवालमें भारतीयोंकी स्थितिका विस्तारसे चित्रण किया और उससे सभी श्रोताओं गम्भीर भावना जाग्रत हुई। बादमें सेठ अब्दुल करीम, श्री पारसी रुस्तमजी आदिने भी भाषण दिये। उसके बाद ट्रान्सवालकी मददके लिए थाली घुमाई गई, जिसमें पाँच पौंडसे ऊपर रकम आई। तदुपरान्त प्रसाद इत्यादि बांटा गया और फिर संगीतके बाद सभा विसर्जित हुई।
इंडियन ओपिनियन, १६-११-१९०७