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खूनी कानून तथा उसके अन्तर्गत बनाये गये विनियम

अन्तर्गत नया पंजीयनपत्र न लिया हो, तो, पंजीयनके लिए अपना आवेदनपत्र प्रविष्ट होनेके आठ दिनके अन्दर भेज दे। परन्तु

(क) इस धाराके अनुसार आठ वर्षसे कम उम्र के बालकके लिए आवेदन करना आवश्यक नहीं है।
(ख) आठ वर्षसे सोलह वर्ष तक के बालकके लिए उसका अभिभावक पंजीयनका आवेदनपत्र दे।और अगर वैसा आवेदनपत्र न दिया गया हो तो सोलह वर्षकी आयु होने के बाद बालक स्वयं दे।

५. पंजीयक वैध रूपसे रहनेवाले एशियाईके आवेदनपर ध्यान देगा। पंजीयक उपर्युक्त एशियाईको तथा जिसे वह मान्य करे ऐसे एशियाईको पंजीयनपत्र दे।

यदि पंजीयन अधिकारी किसी एशियाईके आवेदनको अस्वीकृत कर दे, तो उस एशियाईको न्यायाधीशके समक्ष उपस्थित होनेके लिए वह कमसे-कम १४ दिनका नोटिस दे; और यदि निश्चित तारीखपर वह उपस्थित न हो, अथवा उपस्थित रहते हुए भी न्यायाधीशको अपने ट्रान्सवालमें रहने के अधिकारके सम्बन्धमें सन्तुष्ट न कर सके और वह १६ वर्षकी आयुका हो तो, उसे न्यायाधीश ट्रान्सवाल छोड़नेका आदेश दे। और इस हुक्मपर १९०३ के शान्ति-रक्षा अध्यादेशके खण्ड ६, ७ और ८ लागू होंगे। यदि न्यायाधीशको विश्वास हो जाये कि उपर्युक्त एशियाई वैध निवासी है तो उसे पंजीयन अधिकारीको पंजीयनपत्र देने का आदेश देना चाहिए।

६. जो एशियाई आठ वर्ष से कम आयुके किसी बालकका अभिभावक हो, उसे अपना आवेदनपत्र देते समय कानूनके अनुसार पंजीयन अधिकारीको उस बालकका विवरण और हुलिया देना चाहिए। यदि उस व्यक्तिका आवेदन स्वीकृत किया गया तो उसके पंजीयनपत्रपर वह विवरण और हुलिया लिख दिया जायेगा। फिर, उस बालकको आठ वर्षकी उम्र हो जानेपर एक वर्ष के अन्दर पंजीकृत करनेके लिए वह अपने जिला न्यायाधीशके मारफत दुबारा अर्जी दे।

ट्रान्सवालमें जन्मे हुए बालकका एशियाई अभिभावक बालककी आठ वर्षकी आयु होनेपर एक वर्षके अन्दर उसे पंजीकृत करनेके लिए अर्जी दे।

(क) यदि अभिभावक उक्त प्रकारसे आवेदन न दे तो पंजीयन अधिकारी या न्यायाधीश जो समय निश्चित करे उस समय अभिभावक अर्जी दे।
(ख) यदि अभिभावक आवेदन न दे, अथवा आवेदन दिया गया हो किन्तु अस्वीकृत हो गया हो, तो १६ वर्षकी आयु हो जानेपर वह बालक स्वयं एक सालके अन्दर आवेदन करे। जिस न्यायाधीशके पास ऐसा आवेदनपत्र पहुँचे वह उस आवेदनके साथ सभी कागज पंजीयकको भेज दे और यदि पंजीयक ठीक समझे तो, आवेदकको पंजीयनपत्र दे दे।

७. अभिभावकने उपर्युक्त प्रकारसे आठ वर्ष के बालकका नाम और हुलिया दर्ज न कराया हो और आठ वर्षके बाद बालकका पंजीयनपत्र न लिया हो तो १६ वर्षकी उम्र हो जानेपर बालक स्वयं एक महीनेके अन्दर आवेदन करे। और पंजीयकको उचित मालूम हो तो वह उसका पंजीयन कर दे।

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