पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/४३४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४०२
सम्पूर्ण गांधी वाङ्‍मय


८. इस कानून के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने या बालकके पंजीयनके लिए उपर्युक्त ढंगसे आवेदन नहीं देगा तो उसपर १०० पौंड तक जुर्माना होगा, और जुर्माना न देनेपर उसे तीन महीने तक की कड़ी या सादी कैदकी सजा दी जायेगी।

जो भी व्यक्ति ऐसे किसी सोलह वर्ष से कम आयुवाले एशियाईको ट्रान्सवालमें लायेगा, जो यहाँका वैध निवासी न हो, और जो व्यक्ति उस लड़केको नौकर रखेगा, वे दोनों अपराधी समझे जायेंगे और उन्हें उपर्युक्त प्रकारसे सजा दी जायेगी, यदि ऐसे व्यक्ति एशियाई हुए तो उनका पंजीयन खारिज कर दिया जायेगा और उन्हें ट्रान्सवाल छोड़ देनेका आदेश दिया जायेगा। यदि वे ट्रान्सवाल नहीं छोड़ेंगे तो उन्हें कानूनके मुताबिक जुर्माने या जेलकी सजा दी जायेगी; और शान्ति-रक्षा अध्यादेशके खण्ड ६, ७ और ८ उसपर लागू होंगे।

सोलह वर्षसे ज्यादा उम्रवाला जो भी एशियाई उपनिवेश सचिव द्वारा निश्चित की गई अवधिके पश्चात् ट्रान्सवालमें बिना पंजीयनके पाया जायेगा उसे ट्रान्सवाल छोड़नेका आदेश दिया जायेगा और यदि वह ट्रान्सवाल नहीं छोड़ेगा तो उसे जुर्माने अथवा कैदकी सजा होगी।

उपर्युक्त प्रकारसे पंजीयनरहित एशियाई पंजीयनका आवेदन न देनेका न्यायालयको सन्तोषप्रद कारण बतायेगा तो उसे न्यायाधीश आवेदन करनेके लिए मोहलत दे सकता है। और उस अवधिमें यदि वह पंजीयन न कराये तो उसे फिर ट्रान्सवाल छोड़ने या सजा भोगनेका आदेश दिया जायेगा।

९. सोलह वर्षकी आयुवाला जो-कोई एशियाई ट्रान्सवालमें प्रवेश करेगा अथवा रहता होगा उसे कोई भी पुलिस या उपनिवेश सचिव द्वारा आदिष्ट व्यक्ति पंजीयनपत्र दिखाने के लिए कह सकेगा; और इस कानूनकी धाराओंके अनुसार निर्धारित विवरण तथा हुलिया माँग सकेगा।

सोलह वर्ष से कम उम्र वाले एशियाईका अभिभावक उस बालकका पंजीयनपत्र दिखाने और विवरण तथा हुलिया प्रस्तुत करने के लिए उपर्युक्त प्रकारसे बाध्य है।

१०. जिस व्यक्तिके पास इस कानूनके अनुसार प्राप्त किया हुआ नया पंजीयन-पत्र होगा उसे ट्रान्सवालमें रहने और प्रवेश करनेका हक है। किन्तु जिसे शान्ति-रक्षा अध्यादेशके खण्ड १० के अन्तर्गत हुक्म मिला हो, उसे यह हक नहीं है।

११. जिस व्यक्तिको किसी दूसरे व्यक्तिका पंजीयनपत्र अथवा मियादी अनुमतिपत्र मिले उसे सारे दस्तावेज तत्काल पंजीयकके पास भेज देने चाहिए। यदि वह नहीं भेजेगा तो उसको ५० पौंड तक जुर्मानेकी अथवा एक महीनेकी कड़ी या सादी कैदकी सजा दी जायेगी।

१२. जिस व्यक्तिका पंजीयनपत्र खो जाये उसे तुरन्त नये पंजीयनपत्रके लिए अर्जी देनी चाहिए। उस अर्जीमें कानूनके मुताबिक सारा विवरण दिया जाये और उसपर पाँच शिलिंगके टिकट लगाये जायें।

१३. 'गजट' में निर्धारित की गई तारीखके पश्चात् किसी भी एशियाईको राजस्व या नगरपालिका कानूनके अनुसार तबतक परवाना नहीं दिया जायेगा जबतक वह अपना पंजीयनपत्र न दिखाये तथा माँगी हुई हकीकत व हुलिया न दे दे।