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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/४७

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नया खूनी कानून
३. यह अनुमतिपत्रके दलालोंके लिए निरीह एशियाइयोंको अपना शिकार बनानेका स्वर्ण अवसर प्रदान करता है। अनुमतिपत्रके अधिकारियोंको यह अच्छी तरह मालूम होगा कि एशियाई आम तौरपर अर्जियोंके पेचीदे फार्म भरनेकी क्षमता नहीं रखते; क्योंकि वे सरकारी विभागोंकी कार्य-प्रणालीसे अपरिचित होते है और सहज ही भयभीत हो उठते हैं। इसलिए यह मानकर कि भारतीय और चीनी दोनोंको मिलाकर १२,००० प्रार्थी होंगे, यदि औसतन ३ पौंड प्रति व्यक्ति देना पड़ा तो उनके कमसे-कम ३६,००० पौंड लुट जायेंगे।

तब एशियाइयोंके, ऐसे अजीब कानून और ऐसी लूटके आगे झुक जानेके बजाय, जेल जानेके निश्चयपर कौन ताज्जुब करेगा? सच तो यह है कि उनके लिए अपने निवास-कालमें सारा ट्रान्सवाल ही एक जलील जेलखाना बन जायेगा। नया कानून एशियाइयोंको जिस दुःखद स्थितिमें ला पटकता है, वह सिर्फ उन लोगोंको ही नहीं दिखाई दे सकती, जो शक्तिके मदमें चूर हैं।

[अंग्रजीसे]
इंडियन ओपिनियन, ८-६-१९०७

१३. नया खूनी कानून

बल निष्फल हिम्मत बिना, वंश सम्प' विन व्यर्थ
वित्त व्यर्थ विद्या बिना, अगुणे ज्ञान अनर्थ।

इस कानूनका सारांश १ सितम्बर [१९०६] के अंकमें दिया जा चुका है। फिर भी हम इस बार उसका अनुवाद अधिक ब्योरेके साथ दे रहे हैं, ताकि यह कानून क्या है, इस सम्बन्धमें लोग स्वयं सही-सही विचार कर सकें। सितम्बर मासमें हमने जिसका सारांश दिया है उस कानून और पास किये गये इस कानूनके बीच कुछ उल्लेखनीय अन्तर है, और यह पहले मूल कानूनसे भी भारतीय समाजके अधिक विरुद्ध है।

(१) १८८५ का कानून ३ निम्न परिवर्तनके साथ कायम रहेगा।
(२) "एशियाई" शब्दका अर्थ है, कोई भी भारतीय कुली अथवा तुर्कीकी मुसलमान प्रजा। इसमें मलाइयों और गिरमिटमें आये हुए चीनियोंका समावेश नहीं होता। (इसके अलावा, पंजीयन-अधिकारी आदिकी व्याख्या दी गई है। उसे यहाँ नहीं दे रहे हैं।)
(३) ट्रान्सवालमें वैध रूपसे रहनेवाले प्रत्येक एशियाईको पंजीकृत हो जाना चाहिए। इसका कोई शुल्क नहीं लगेगा।

[] सुमति, एैक्य।

[] बिना गुणके व्यक्तिके लिए।

  1. १.
  2. २.