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सम्पूर्ण गांधी वाङ्‍मय

स्वयं भारत चला गया है, परन्तु गुलामीका पट्टा लेने नहीं गया। इसकी गद्दारीसे इसके सगे-सम्बन्धी सब उत्तेजित हो गये थे और वे इसके साथ अपना व्यवहार बन्द करनेवाले थे। किन्तु अब यह स्वदेश चला गया है, इसलिए मालूम होता है कि वे शान्त हो गये हैं। इस उदाहरणसे प्रकट होता है कि "पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं।" प्रायः यह पाया गया है कि गोरोंकी निम्न मौकरी करनेसे स्वाभिमान खत्म हो जाता है। यह आदमी श्री लेसके यहाँ कपड़े धोनेकी नौकरी करता था।

प्रिटोरियाकी मसजिदमें सिपाही

प्रिटोरियाकी मसजिदमें वनुतखान और हाजी इब्राहीमवाली घटना हो जानेके बाद, झगड़ा न हो, इसलिए हर शुक्रवारको पुलिस आती है। इस प्रकार पुलिसके आनेसे कौमकी बदनामी होती है। और यह मसजिदके मुतवल्लियोंकी कमजोरी मानी जाती है। मुझे आशा है कि इस सम्बन्धमें यदि कुछ भी उपाय न किया गया हो तो वह तुरन्त करके मुतवल्ली पुलिसका आना बन्द करा देंगे।

नये भारतीय वकील

श्री जॉर्ज गॉडफ्रेने १३ तारीखको सर्वोच्च न्यायालयमें न्यायवादीके रूपमें प्रवेश किया है। बहुत करके वे जोहानिसबर्ग में वकालत करेंगे। मैं उन्हें मुबारकबादी देता हूँ। श्री जॉर्ज गॉडफेको मिलाकर श्री सुभान गॉडफेके तीन लड़कोंने विलायतमें शिक्षा प्राप्त की है। अब चौथेको डॉक्टरीके लिए भेजनेकी तजवीज की जा रही है।

एशियाई कार्यालय

श्री बर्जेसको ३१ जनवरी [१९०८] से छुट्टी दे दी गई है। इसी प्रकार प्रिटोरियामें तीन कारकुनोंको छुट्टी मिली है। (उनके नाम बादमें दूंगा)।

कांग्रेसके प्रतिनिधि

श्री अमीरुद्दीन फजंदारका तार आया है कि वे १७ तारीखको सकुशल बम्बई पहुँच गये।

जोहानिसबर्गका गोरा व्यापारी संघ

इस संघकी बैठक इस सप्ताह हुई थी। उसमें इस प्रकारका प्रस्ताव किया गया कि कानूनको अमलमें लाने में संघको सरकारकी मदद करनी चाहिए और उसे प्रोत्साहन देना चाहिए। एक वक्ताने कहा कि बड़ी सरकार की ओरसे इस सम्बन्धमें बड़ा दबाव डाला जा रहा है। इसलिए जोहानिसबर्ग के लोगोंको मदद करनी चाहिए।

एशियाई कार्यालय

एशियाई कार्यालयमें श्री बर्जेसके अलावा जिन कारकुनोंको कार्य मुक्त किया गया है वे हैं श्री डॉबसन, श्री बारकर, श्री फाल्क, और श्री स्वीट।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २१-१२-१९०७