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सम्पूर्ण गांधी वाङ्‍मय

समाचार अगले सप्ताह मिलनेकी सम्भावना है। इस प्रकार जेलसे छूटनेके बाद पण्डितजी एक घड़ी बेकार नहीं बैठे।

'संडे टाइम्स'में व्यंग्य-चित्र

'संडे टाइम्स' हमारी लड़ाईका बहुत प्रचार कर रहा है। उसमें 'श्री गांधीका स्वप्न' शीर्षकसे कानून और श्री स्मट्सके बारेमें व्यंग्य किया गया है। चित्रोंमें एक स्मट्सका भी है। वे दोनों कुहनियाँ मेजपर रखे सिरसे हाथ लगाकर निम्नानुसार विचार कर रहे हैं:

"रजिस्ट्रेशन" भारी कज़ा,
"रेजिस्टेन्स" है उससे बड़ी;
सी॰ बी॰ बुड्ढा तंग किये है,
गांधीने पागल बना दिया।

इस प्रकार स्मट्स बड़बड़ा रहे हैं। सी॰ बी॰ यानी कैम्बेल बैनरमैन, इंग्लैंडके प्रधानमंत्री। दूसरे चित्रमें श्री गांधीको कवच पहनाया गया है। कवचमें सब जगह नुकीली कीलियाँ लगी हुई हैं। चित्रपर नोटिस चिपका हुआ है कि "मुझे छुइए मत" और नीचे सही है। "मैं हूँ आपका दीन (पैसिवली) गांधी।" कहने का तात्पर्य यह है कि कहीं भी स्पर्श करनेपर जब काँटे चुभते हैं तब 'दीन' कहकर सही करने से क्या मतलब? मतलब यह कि अनाक्रामक प्रतिरोध रूपी कांटोंके चुभते ही कानूनका जोर एकदम खत्म हो जाता है।

जर्मिस्टनके भारतीयोंपर आक्रमण

जर्मिस्टनकी नगरपालिकाने सभा की थी। उसमें उसने भारतीयोंको मार्केट स्क्वेअरमें अधिकार न देने के प्रस्तावपर विचार किया है। श्री प्रैडीने उसका विरोध किया है। शेष सदस्य, जिनमें श्री ह्वाइट मुख्य हैं, हलचलके पक्षमें बोले।

गद्दारोंकी सूची[१]

पिछले सप्ताह मैंने जो सूची देने का वादा किया था, नीचे दे रहा हूँ। वहाँ दिये गये नाम यहाँ दुबारा दिये जा रहे हैं। ये नाम १९ अक्तूबरके बादके पंजीकृत लोगोंके हैं। उनके पते भी मेरे पास हैं। खेद है कि उनकी क्रमसंख्याएँ मालूम नहीं हैं। किन्तु, उनकी जरूरत भी नहीं है, क्योंकि सूची प्रामाणिक है। इसमें मद्रास और कलकत्ता के लोगोंके नाम नहीं हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है।

प्रिटोरियाके गद्दार: [इसके आगे ८४ नामोंकी एक सूची है]; जोहानिसबर्गके: [१०]; पीटर्सबर्गके: [३५]; लुई ट्रिचार्टके: [८] हार्ट्सवाटरका: [१]; क्रिश्चियानाके: [२]; पौचेफ्स्ट्रम के: [११]; स्टैंडर्टनके: [५]; मिडेलबर्गके: [८]; अरमीलोका: [१] लीडेनबर्गके: [२]; हाइडेलबर्ग के: [८]।

अँगुलियों और अँगूठेमें भेद

इस सम्बन्ध में मैंने बादमें लिखने को कहा था।[२] इसलिए अब लिखता हूँ। भारतमें अंगूठेका उपयोग दीवानी कामोंमें बहुत होता है। विलायतमें तो उसका फैशन चल पड़ा है। दोस्त

  1. इस उपशीर्षककी सामग्री मूल गुजरातीके अंग्रेजी अनुवादसे ली गई है
  2. देखिए "जोहानिसबर्गकी चिट्ठी", पृष्ठ ४३०।