(अभियुक्त से): आपकी आपत्ति अधिकारीके विरुद्ध है या अधिनियमके विरुद्ध?
मुख्यतः अधिनियमके विरुद्ध।
सरकारी वकीलकी प्रार्थनापर वैसा ही आदेश दिया गया।
थम्बी नायडूने कहा, पंजीयनपर आपत्ति इसलिए है कि वह मुझे काफिरसे भी नीचे दर्जे में रख देता है और वह मेरे धर्मके विरुद्ध है। में विवाहित हूँ और मेरे पाँच बच्चे हैं। इनमें सबसे बड़ा तेरह वर्षका है और सबसे छोटा डेढ़ वर्षका। मैं माल ढुलाईके ठेकोंका व्यवसाय करता हूँ।
श्री गांधीने प्रार्थना की कि अभियुक्तको केवल अड़तालीस घंटेका नोटिस दे दिया जाये। वह बस यही चाहता है…
श्री जोर्डनने कहा, प्रश्न यह नहीं है कि अभियुक्त क्या चाहता है, बल्कि यह है कि मैं क्या चाहता हूँ। अभियुक्त व्यवसायी है और मुहलतकी मियाद चौदह दिन निश्चित की जायेगी।
करवाने कहा, मैं ट्रान्सवाल में १८८८ से हूँ। मैं लड़ाईके दिनोंमें सैनिक विभागका ठेकेदार था और सर जॉर्ज व्हाइटके साथ लेडीस्मिथमें रहता था। मैं ट्रान्सवालमें एक सैनिक दस्तेके साथ हैरीस्मिथके रास्ते प्रविष्ट हुआ था। मैंने १८८५ के कानून ३ के अन्तर्गत एक पंजीयन प्रमाणपत्रपर मात्र अपने एक अँगूठेका निशान लगाया था। मैं अँगुलियोंके निशान देनेसे इसलिए इनकार करता हूँ कि यह मेरे धर्मके विरुद्ध है…
न्यायाधीश: किन्तु आपने एक निशान लगाया है?
अभियुक्त (विरोधस्वरूप अपना हाथ हिलाते हुए): एक निशान देना ठीक है; किन्तु दस निशान देना मेरे धर्मके विरुद्ध है।(हँसी)
न्यायाधीश: वास्तवमें मेरे खयालसे आप दस निशान देते हैं या पाँच, इसकी आप कोई परवाह नहीं करते। आपसे उसके लिए कहना-भर चाहिए।
पहले चीनी अभियुक्त एम॰ ईस्टनने कहा, मैं हाँगकाँगवासी ब्रिटिश प्रजा हूँ। मैं यहाँ लड़ाईसे पहले था और मैंने प्रमाणपत्रके लिए डच सरकारको ३ पौंड कर दिया था। मैं एक दूकान सहायकका काम करता हूँ। मैं पंजीयन के विरुद्ध इसलिए आपत्ति करता हूँ कि वह अत्यन्त पतनकारी और मेरे धर्मके विरुद्ध है। मेरे धर्म, ताओवादमें कोई निशान देनेकी अनुमति नहीं है। उनको ४८ घंटे के भीतर देश छोड़ देनेकी आज्ञा दी गई।
चीनी संघके अध्यक्ष श्री लिअंग क्विनने कहा, मैं ब्रिटिश प्रजा नहीं हूँ; किन्तु मैं ट्रान्सवालमें १८९६ में आया था और मैंने डच सरकारसे अनुमतिपत्र लिया था। १९०१ में मैं चला गया था और फिर १९०३ में शान्ति-रक्षा अध्यादेशके अन्तर्गत अनुमतिपत्र लेकर लौट आया। मैं दूकानदार हूँ। मैंने अनुमतिपत्र नहीं लिया, क्योंकि वह एक ऐसा कानून है जो मेरे लिए और मेरी जातिके लिए अपमानास्पद है। मैंने अपने देशवासियोंके लिए इस कानूनका अनुवाद किया है और मैं ऐसे मुकदमेकी प्रतीक्षा बराबर करता रहा हूँ । मुझे ४८ घंटे के नोटिससे पूरा सन्तोष होगा; मैंने अपनी पूरी तैयारी कर ली है…।