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सम्पूर्ण गांधी वाङ्‍मय

भारतीयोंकी सभा

शुक्रवारकी शामको हमीदिया भवनमें एक विशाल सभा हुई। करीब १,००० आदमी उपस्थित थे। लोगोंमें बड़ा उत्साह था। प्रवासी कानूनकी निन्दाका प्रस्ताव पास किया गया और तार द्वारा विलायत भेजा गया।

चीनियोंकी सभा

उसी शाम चीनियोंकी सभा हुई। श्री क्विनने अपने देश-निकालेकी सम्भावनाके कारण अपनी मण्डलीके स्थानापन्न अध्यक्षके रूप में श्री पोलकको नियुक्त करनेका प्रस्ताव किया,[१] जो स्वीकृत हो गया। श्री पोलकने भाषण दिया। सबके-सब साहससे भरे हुए थे और सभीके मनोंमें अन्ततक लड़नेका उत्साह था।

अधिक सभाएँ

जोहानिसबर्ग में जगह-जगह सभाएँ हुई हैं। सोमवारकी शामको चीनियोंकी सभा हुई; इसके बाद मद्रासी लोगोंकी सभा थी। दोनों सभाओंका वातावरण जोश और हौसलेसे भरा हुआ था। श्री गांधी उपस्थित थे। सोमवारकी रातको भारतीयोंकी एक विशाल सभा हुई। उसमें चीनी प्रतिनिधि उपस्थित थे। श्री ईसप मियाँने व्याख्यान दिया जिसमें उन्होंने लोगोंको दृढ़ रहने और नेताओंकी जगह भरनेकी सिफारिश की।

प्रिटोरियामें सभा

प्रिटोरियामें सोमवारको सभा की गई। ३०० आदमी उपस्थित थे। श्री हाजी हबीब प्रमुख थे। श्री गांधी और चार चीनी नेता खास तौरपर आये थे। श्री गांधीने भाषण में कहा कि हमें चीनियोंके ऐक्यका उदाहरण ग्रहण करना है। यदि हम अपना कर्तव्य पूरा करते रहें और ट्रान्सवाल सरकार या सारा राज्य हमारे खिलाफ रहा तो भी कुछ बिगड़नेवाला नहीं है। मुझे तो जीतका विश्वास है। सही लड़ाई तो अब, इसी समय शुरू होने जा रही है। श्री सूजने कहा कि चाहे जो हो, मैं इस कानूनको नहीं मानूंगा। श्री देसाईने बतलाया कि वे देश-निकालेके लिए राजी हैं। श्री बेग बोले कि कुर्बानी देनेसे ही जीत मिलती है, इतिहास में इसके उदाहरण मिलते हैं। उपस्थित सज्जनोंमें से श्री मनजी और दूसरे लोग भी बोले। श्री हाजी हबीबने कहा कि श्री गांधीके वचन सुननेका यह अन्तिम अवसर है। फिर भी देश-निकाला हो जानेपर हम दृढ़ रहकर उनको वापस बुला सकेंगे। हम देश-निकालेसे या परवाना रोके जाने से डरनेवाले नहीं हैं।

इस सभामें ज्यादा आदमी नहीं थे यह बात गोरे अखबारवालोंकी निगाहसे छूटी नहीं दीखती।

प्रिटोरियामें बाड़ेका मुकदमा

श्री रतनजी मकनके लिए एशियाई बाजार बाड़के पट्टेके वास्ते अर्जी दी गई थी। उसके उत्तरमें टाउन क्लार्कने कहलाया है कि "प्रार्थी पंजीकृत न होने के कारण ट्रान्सवालका

  1. यह उस विवरणसे भिन्न पड़ता है जो इसी तारीखके इंडियन ओपिनियनके अंग्रेजी विभाग में दिया गया है। उक्त विवरणके अनुसार श्री क्विनने अपनी अनुपस्थिति में एक कार्यवाहक अध्यक्षकी नियुक्तिकी घोषणा करते हुए बताया कि श्री एच॰ एस॰ एल॰ पोलक संघके अवैतनिक सलाहकार नियुक्त किये गये हैं।