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नया खूनी कानून
(ङ) १७ वीं कलमके अनुसार किस प्रकार अनुमतिपत्र दिया जाये।
(१९) प्रत्येक एशियाई अथवा एशियाईके अभिभावकपर, यदि वह अपने लिए ऊपर

निर्दिष्ट की गई बातें नहीं करता, और यदि इसके लिए अन्यथा कोई सजा निर्धारित नहीं की गई है, १०० पौंड तक जुर्माना किया जायेगा अथवा उसे तीन महीने तक का सपरिश्रम या सादा कारावास दिया जायेगा।

(२०) चीनियोंसे सम्बन्धित नौकरीका कानून [लेबर इम्पोर्टेशन ऑडिनन्स] एशियाइयों

पर लागू नहीं होगा।

(२१) १८८५ के कानूनकी तारीखसे पहले यदि किसी एशियाईने अपने नामपर जमीन

खरीदी होगी तो उसके उत्तराधिकारीको वह जमीन पानेका अधिकार होगा।

(२२) जबतक सम्राट् स्वीकृति न दें और वह स्वीकृति 'गज़ट' में प्रकाशित न हो जाये तबतक यह कानून अमल में नहीं आयेगा।

इस कानूनका असर

सौभाग्यसे यह नहीं दिखाई देता कि कोई भी भारतीय उपर्युक्त खूनी कानून स्वीकार करनेको तैयार हो। फिर भी हम नीचे बता रहे हैं कि भारतीयोंकी जो दुर्दशा आजतक नहीं हुई है वह अब होगी। इसमें हमारा उद्देश्य यह है कि जो भारतीय दृढ़ है वे और भी दृढ़ हो जायें और जिनके मनमें अनिश्चतता है वे शंकारहित होकर स्वेच्छापूर्वक कानूनसे मुक्त हो जायें, स्वतन्त्र रहें और मर्द कहलायें।

१. नया कानून मलाइयोंपर लागू नहीं होता, भारतीयोंपर होता है।
२. काफिरों और केप बॉयज़पर नया कानून लागू नहीं होता।
३. तुर्किस्तानके ईसाइयोंपर नहीं, किन्तु मुसलमानोंपर लागू होता है।
४. इस समय अपने अंगूठोंकी निशानी लगे हुए अनुमतिपत्रवाला प्रत्येक भारतीय वैध निवासी है। नये कानूनसे उसका अधिकार एकदम रद हो जाता है और नया अनुमतिपत्र लेते समय उसे उसका असली अनुमतिपत्र कैसे मिला यह बतलाना होगा।
५. वर्तमान अनुमतिपत्र भारतीयको मर्जीके बिना नहीं बदला जा सकता। नये कानूनके

अनुसार मिलनेवाले अनुमतिपत्रोंको सरकार जब चाहेगी तब बदलाना होगा।

६. वर्तमान अनुमतिपत्रोंमें ऑरेंज रिवर कालोनीमें जानेकी छूट है। वह उपयोगी है या नहीं, यह प्रश्न अलग है। नये कानूनके द्वारा ऑरेंज रिवर कालोनीका नाम हट जाता है।
७. इस समय ऑरेंज रिवर कालोनी में अनुमतिपत्र लेकर बसनेवाला भारतीय ट्रान्सवालमें बेरोक-टोक आ सकता है। नये कानूनसे नहीं आ सकता।
८. इस समय कोई भी भारतीय अपना अनुमतिपत्र प्राप्त करने के लिए अंगूठेकी छाप

या हस्ताक्षर देनेके लिए बाध्य नहीं है। नये कानूनके अनुसार सरकार मनमाने ढंगसे समय-समयपर नियम बनाकर या बदलकर हस्ताक्षर देने के लिए, अँगूठेकी छाप देनेके लिए या और जो भी कुछ करवाना हो, उसके लिए बाध्य कर सकेगी।

९. इस समय अनुमतिपत्र सचिवको ही अनुमतिपत्र देखनेका हुक्म है। नये कानूनके

अन्तर्गत कोई काफिर पुलिस भी देख सकेगी।