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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/५११

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परिशिष्ट
उपनिवेशके सब वैध अधिवासी एशियाइयोंका पंजीयन आवश्यक
३. (१) इसके बाद दिये गये अपवादोंको छोड़कर प्रत्येक एशियाई जो इस उपनिवेशका वैध अधिवासी है, एशियाई पंजिका में पंजीकृत होगा और उसके आधारपर पंजीयन प्रमाणपत्र पानेका अधिकारी होगा एवं उससे इस अधिनियमके खण्ड बारहमें की गई व्यवस्थाके अतिरिक्त इस पंजीयनका या पंजीयन प्रमाणपत्रका कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।
(२) निम्न व्यक्ति इस अधिनियमकी उद्देश्यपूर्तिके लिए इस उपनिवेशके वैध एशियाई अधिवासी समझे जायेंगे;
(एक) कोई भी एशियाई जिसे १९०२ के क्षतिपूर्ति और शान्ति-रक्षा अध्यादेश या उसके किसी संशोधन के अन्तर्गत दिये गये परवानेके द्वारा इस उपनिवेशमें आने और रहनेका विधिवत् अधिकार दिया गया हो, या जिसने १ सितम्बर १९०० और कथित अध्यादेशके पास किये जानेकी तारीखके बीचमें परवाना लेकर, बशर्ते कि वह परवाना धोखाधड़ीसे न लिया गया हो, उक्त अधिकार प्राप्त किया हो; व्यवस्था की जाती है कि, जिस परवाने में किसी एशियाईको सीमित अवधि तक रहनेका निर्देश किया गया हो वह परवाना इस उपखण्डके अर्थके अन्तर्गत परवाना नहीं समझा जायेगा।
(दो) कोई भी एशियाई जो इस उपनिवेशमें रहता हो और ३१ मई १९०२ को प्रत्यक्ष यहाँ मौजूद हो।
(तीन) ३१ मईके बाद उत्पन्न कोई भी एशियाई, जो इस उपनिवेशमें १९०४ के श्रम आयात अध्यादेशके अन्तर्गत लाये गये किसी श्रमिककी सन्तान न हो।
एशियाइयोंको निश्चित समयके भीतर पंजीयनका आवेदन देना आवश्यक
४. (१) प्रत्येक एशियाई, जो इस उपनिवेशमें इस अधिनियम के लागू होनेके दिन रहता हो, उस तारीख या उन तारीखोंसे पहले, उस स्थान या उन स्थानों में और उस व्यक्ति या उन व्यक्तियों के सम्मुख जिसका या जिनका निर्देश उपनिवेश सचिव 'गज़ट' में सूचना निकाल कर करे, पंजीयनके लिए प्रार्थनापत्र देगा।
(२) प्रत्येक एशियाई, जो इस उपनिवेश में इस अधिनियम के लागू होने की तारीखके बाद प्रविष्ट हो और जो इस अधिनियम के अन्तर्गत पहले पंजीकृत न हुआ हो, इस उपनिवेश में प्रवेश करनेपर आठ दिनके भीतर निर्धारित व्यक्तिको और निर्धारित स्थानपर पंजीयनके लिए प्रार्थनापत्र दे; बशर्ते कि वह खण्ड सत्रहके अन्तर्गत दिये गये परवानेके अनुसार प्रविष्ट न हुआ हो।

व्यवस्था की जाती है कि:

(क) जिस तारीख तक पंजीयनका प्रार्थनापत्र दिया जाना है उसकी समाप्तिपर किसी एशियाई बच्चेकी आयु आठ वर्षसे कम हो तो इस खण्डके अन्तर्गत उसके लिए पंजीयन प्रार्थनापत्र देनेकी आवश्यकता नहीं होगी;
(ख) उस एशियाई बच्चेके मामलेमें, जो इस अवधिकी समाप्तिपर आठ वर्षका हो; किन्तु सोलह वर्षसे कम आयुका हो ऐसा प्रार्थनापत्र उस बच्चेकी ओरसे उसका संरक्षक देगा; और यदि इस प्रकार प्रार्थनापत्र न दिया जाये तो सोलह वर्ष की आयु पूरी होनेके बाद, एक महीनेके भीतर उस बच्चेको स्वयं देना होगा।
पंजीयक मंजूर करेगा तो प्रार्थियोंको पंजीकृत करेगा और नामंजूर करनेकी हालत में नोटिस देगा
५. (१) पंजीयक इससे पिछले खण्डके अन्तर्गत पंजीयनके प्रत्येक प्रार्थनापत्रपर विचार करेगा और प्रत्येक प्रार्थीको, जो इस उपनिवेशका वैध अधिवासी हो या जिसका प्रार्थनापत्र उसने मंजूर किया हो, पंजीकृत करेगा और ऐसे प्रार्थीको या संरक्षकको जिसने उसकी ओरसे प्रार्थनापत्र दिया हो, पंजीयन-प्रमाणपत्र जारी करायेगा।