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सम्पूर्ण गांधी वाङ्‍मय
पंजीयन प्रमाणपत्र माँगनेपर पेश किया जाये

९. सोलह वर्ष या उससे अधिक आयुका प्रत्येक एशियाई, जो इस उपनिवेश में प्रवेश करता या रहता है, उपनिवेशके कानून द्वारा स्थापित पुलिस दलके किसी भी सदस्य या उपनिवेश सचिव द्वारा अधिकार-प्रदत्त किसी दूसरे व्यक्तिकी माँगपर अपना पंजीयन प्रमाणपत्र, जिसका वह वैध धारक है, दिखायेगा और वैसे ही माँगनेपर विनियममें बताये गये विवरण और शिनास्तके निशान देगा।

सोलह वर्षसे कम आयुके प्रत्येक एशियाई बच्चेका संरक्षक पहले कहे गये अनुसार माँग करनेपर पंजीयन प्रमाणपत्र, जिसका वह बच्चा वैध धारक है, प्रस्तुत करेगा और इस अधिनियम के अनुसार या ऐसे बच्चेके सम्बन्धमें बनाये गये नियमके अनुसार आवश्यक विवरण और शिनाख्तके निशान देगा।
पंजीयन प्रमाणपत्रोंके प्रमाण
१०. प्रत्येक पंजीवन प्रमाणपत्र सर्वत्र इस बातका निर्णयात्मक प्रमाण माना जायेगा कि उसका वैध धारक १९०३ के शान्ति-रक्षा अध्यादेशमें आई किसी बात के बावजूद इस उपनिवेशमें आने और रहनेका हकदार है; सदा व्यवस्था यह रहेगी कि यह खण्ड उन लोगोंपर लागू न होगा जिनको १९०३ के शान्ति-रक्षा अध्यादेश के खण्ड दसके अन्तर्गत उपनिवेशसे चले जानेकी आशा दी जा चुकी हो।
खोये हुए पंजीयन प्रमाणपत्र पानेवालेका कर्तव्य

११. जिस व्यक्तिको कोई पंजीयन प्रमाणपत्र या अन्य कोई अनुमतिपत्र मिले, जो खण्ड 'सत्रह' के अन्तर्गत निकाला गया हो और जिसका वह वैध धारक न हो, वह उसको यथासम्भव शीघ्र एशियाई पंजीयक, प्रिटोरियाको दे देगा, या ढाकसे पहुँचा देगा।

जो व्यक्ति इस खण्डके अनुसार कार्रवाई करने में असमर्थ रहेगा, वह अपराधी सिद्ध होनेपर अधिकतम पचास पौंड जुर्माने या जुर्माना न देनेपर अधिकतम एक मासके सादे या सपरिश्रम कारावासके दण्डका पात्र होगा।
पंजीयन प्रमाणपत्र खोने या नष्ट होनेपर व्यवस्था
१२. यदि कभी किसीका पंजीयन प्रमाणपत्र खो जाये या नष्ट हो जाये तो उसके वैध धारकको तुरन्त उसे नया करनेके लिए पंजीयकको प्रार्थनापत्र देना चाहिए और पंजीयक, ऐसे व्यक्ति द्वारा पंजीयन प्रमाणपत्रोंको नये करनेके प्रार्थनापत्रोंसे सम्बन्धित नियमोंकी पूर्ति की जानेपर, और पाँच शिलिंग शुल्क दिया जानेपर, उस प्रमाणपत्रको नया कर देगा। उक्त शुल्क प्रार्थनापत्रपर राजस्व टिकट लगाकर दिखाया जायेगा। और उस टिकटपर उस प्रार्थनापत्रको लेनेवाला अधिकारी मुहर लगा देगा।
एशियाइयोंको प्रमाणपत्र पेश करनेपर व्यापारिक परवाने दिये जायेंगे, अन्यथा नहीं
१३. उपनिवेश-सचिव द्वारा 'गज़ट' में घोषित की गई तारीखके बाद किसी एशियाईको १९०६ के माल परवाना अध्यादेश या उसके किसी संशोधन या नगरपालिकामें लागू किसी उपनियम के अन्तर्गत व्यापारिक परवाना तबतक न दिया जायेगा, जबतक वह उस परवानेको देनेके लिए नियुक्त व्यक्ति के सामने अपना वैध पंजीयन प्रमाणपत्र प्रस्तुत न करेगा और नियममें बताये गये विवरण और शिनाख्तके निशान न देगा।
एशियाईकी आयुका प्रमाण
१४. जब कभी इस अधिनियम के अन्तर्गत किसी मुकदमेमें या किसी कार्रवाई में किसी एशियाईकी आयुका प्रश्न उठे, तब वह एशियाई, जबतक उसकी आयु अन्यथा सिद्ध न कर दी जाये तबतक, उसी आयुका माना जायेगा जिसे पंजीयकने अपने द्वारा दिये गये किसी प्रमाणपत्र में अपने मतसे उसकी प्रत्यक्ष आयु प्रमाणित की हो।
शपथपत्र या शपथपूर्वक की गई घोषणा विनियम द्वारा स्टाम्प-करसे मुक्त
१५. विनियमके अन्तर्गत किसी व्यक्तिको, जो अपनी ओरसे या किसी अन्य व्यक्तिकी ओरसे पंजीयन प्रमाणपत्रका प्रार्थनापत्र देता है, कोई शपथपत्र देना हो या शपथपूर्वक घोषणा करनी हो तो वे स्टाम्प-करसे मुक्त होंगे।