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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/५२३

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परिशिष्ट

(यदि प्राप्त किया गया है तो) या कोई करार या अन्य दस्तावेज जिससे ऐसा स्वार्थं इस खण्डके विरुद्ध प्राप्त किया जाता है; इस अधिनियमके पाँचवें खण्डके अन्तर्गत ऐसे प्रवासीके दण्डित होनेपर अवैध हो जायेगा।

९. प्रत्येक व्यक्ति जो इस उपनिवेशमें मिलता है और जिसपर उचित रूपसे निषिद्ध प्रवासी होनेका सन्देह है, किसी भी न्यायाधीश, नगर-न्यायाधीश, पुलिस अधिकारी या विभाग के अधिकारी द्वारा वारंट बिना गिरफ्तार किया जा सकता है और वह यथासम्भव शीघ्र कानूनके अनुसार कार्रवाई करनेके लिए प्रवासी न्यायाधीशके न्यायालय में लाया जायेगा।

१०. कोई भी निषिद्ध प्रवासी इस अधिनियमकी धाराओंसे इस कारण मुक्त न होगा और उपनिवेशमें रहने दिया जायेगा कि वह उपनिवेशमें प्रविष्ट नहीं हो सकता यह सूचना उसको नहीं दी गई हो या उसको सम्भवतः असावधानीसे आ जाने दिया गया हो या यह कारण हो कि उसके निषिद्ध प्रवासी होनेकी बात मालूम न हुई हो।

११. उस व्यक्तिको जिसे इस अधिनियम के अन्तर्गत इस उपनिवेश से निकालने की आज्ञा दी गई हो और उस अन्य व्यक्तिको जिसे खण्ड सातके अन्तर्गत उस व्यक्तिको इस अधिनियमके विरुद्ध इस उपनिवेशमें प्रवेश करने या रहने में सहायता देने या उकसानेके जुर्म में सजा हो चुकी हो, वह सब खर्च देना होगा जिसे सरकार उस व्यक्तिको उपनिवेशसे या दक्षिण आफ्रिकासे निष्कासित करनेमें या निष्कासनसे पूर्व उपनिवेशमें या अन्यत्र नजरबन्द रखने में करे; और उस खर्चको रकम, विभाग के अधिकारीका ऐसा प्रमाणपत्र, जिसमें उसकी विगत और पूरी रकम बताई गई हो, शेरिफके सामने प्रस्तुत करनेपर, उस व्यक्तिकी उपनिवेशमें जो सम्पत्ति होगी उसकी कुर्कीसे वसूल की जायेगी। इस कुर्कीकी विधि वैसी होगी जैसी सर्वोच्च न्यायालयके निर्णयमें दी गई हो, और उस कुर्कीसे जो रुपया मिलेगा शेरिफ द्वारा उपनिवेशके कोषाध्यक्षको सौंप दिया जायेगा जो उक्त खर्चकी रकम और कुर्कीका खर्च काटनेके बाद शेष रुपया उस व्यक्तिको भेज देगा जिसके विरुद्ध कार्रवाई की गई हो या जो उस व्यक्ति द्वारा उस रुपयेको लेनेके लिए नियुक्त किया गया हो।

१२. (१) होटलों, भोजन-गृहों, निवास गृहों या अन्य स्थानोंके, जहाँ लोगोंको रुपया देकर या अन्य मूल्यवान कारणोंसे सोनेका स्थान दिया जाता है, मालिकों या व्यवस्थापकोंका कर्तव्य होगा कि वे एक पुस्तिका रखवायें जिसमें ऐसा स्थान प्राप्त करनेवाला व्यक्ति पहले आते ही अपना नाम, स्थायी निवास, जन्म-स्थान और वह जहांसे अभी आया है उस स्थानको दर्ज करेगा।
(२) इस प्रकारकी प्रत्येक पुस्तिकाको पुलिसका या विभागका कोई भी देख सकेगा।
(३) कोई भी व्यक्ति जो इस खण्डकी शर्तोंको पूरा न करेगा या ऐसे अधिकारी सब उचित समयोंपर अधिकारीको उसके अन्तर्गत अपने अधिकारोंका प्रयोग करनेसे रोकेगा या उसमें बाधा डालेगा या उस पुस्तिकामें कोई बात गलत लिखेगा वह अपराधी होगा और दण्डित होनेपर जुर्मानेका, जो बीस पौंडसे अधिक न होगा, या जुर्माना न देनेपर कैदका, जो एक माससे अधिककी न होगी, या जुर्माने और कैद दोनोंका पात्र होगा।

१३. कोई व्यक्ति इस अधिनियमके या किसी नियमके विरुद्ध इस उपनिवेशमें नहीं आया है या नहीं रहा है, इसे सिद्ध करनेका भार प्रत्येक ऐसे मुकदमे में, जो इस सम्बन्धमें चलाया जाये, अभियुक्तपर होगा।

१४. प्रत्येक आवासी न्यायाधीशके न्यायालयको इस अधिनियम या विनियमका उल्लंघन करनेपर अधिकतम सजा देनेका अधिकार होगा।

१५. गवर्नर निम्न व उद्देश्योंसे या किसी एक उद्देश्यसे समय-समयपर इस अधिनियमसे संगत नियम बना सकता है, उनको बदल सकता है या रद कर सकता है—
(क) विभागके अधिकारियोंके अधिकार और कर्तव्य निश्चित करनेके लिए,
(ख) इस उपनिवेशमें निषिद्ध प्रवासियोंका प्रवेश रोकनेके लिए,
(ग) जिन लोगोंको इस अधिनियम के अन्तर्गत उपनिवेशसे निकालने की आज्ञा दी जाये उनको निकालनेके लिए,