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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
(घ) जिन लोगोंको उपनिवेशसे निकालनेकी आज्ञा दी गई है वे जबतक निकाले न जायें तबतक उनकी नजरबन्दीके लिए,
(ङ) निषिद्ध प्रवासीकी परिभाषाके उपखण्ड (६) के प्रयोजनसे जो बीमारियाँ छूत की हैं या उड़ा हैं उनको बतानेके लिए,
(च) (१) जो लोग निषिद्ध प्रवासीकी परिभाषासे निकाल दिये गये हैं उनके वर्गों के सम्बन्ध में उपखण्ड 'छ' में उल्लिखित प्रमाणपत्रों; (२) खण्ड पाँच और छः के अन्तर्गत मन्त्री द्वारा निकाले जानेवाले वारन्टों और (३) खण्ड बारहके अन्तर्गत रखी जानेवाली पुस्तिका के फार्म निर्धारित करते हुए,
(छ) जिन स्थितियोंमें निषिद्ध प्रवासी उपनिवेशसे बाहर जाते हुए उपनिवेशर्मेसे गुजरने दिये जा सकते हैं उनको निश्चित करते हुए,
(ज) सामान्यतः इस अधिनियमके उद्देश्यों और प्रयोजनोंको अधिक अच्छी तरह पूरा करनेके लिए, और वे ऐसे किन्हीं विनियमोंसे उनके भंग करनेकी सजायें बता सकते हैं जो जुर्मानेके रूपमें सौ पौंडसे या जुर्माना न देनेपर केंदके रूपमें छः महीनेकी कैदसे ज्यादा न होंगी या जुर्मानेकी और कैदकी दोनों होंगी।
१६. यह अधिनियम सब उद्देश्योंसे १९०७ का प्रवासी प्रतिबन्धक अधिनियम कहा जा सकता है और यह उस तारीखको लागू होगा जिसका ऐलान गवर्नर 'गज़ट' में घोषणा द्वारा करे।
परिशिष्ट ४
विनियम
एशियाई कानून संशोधन अधिनियम, १९०७ के खण्ड १८ के अन्तर्गत रचित
१. जबतक प्रसंगसे असंगत न हो तबतक इन विनियमोंमें:—
"अधिनियम" का अर्थ होगा एशियाई कानून संशोधन अधिनियम, १९०७;
"वयस्क" का अर्थ होगा १६ वर्ष या उससे अधिक आयुका एशियाई पुरुष;
"प्रार्थी" का अर्थ होगा कोई व्यक्ति जो अपनी ओरसे पंजीयनका प्रार्थनापत्र देता है या वह व्यक्ति जिसकी ओरसे उसका संरक्षक पंजीयनका प्रार्थनापत्र देता है;
"पंजीयन प्रार्थनापत्र" का अर्थ होगा वह प्रार्थनापत्र जो एशियाइयोंकी पंजिका (रजिस्टर) में दर्ज करा दिया हो और जो उस विधिसे और उस रूपमें एवं उन विवरणों और शिनाख्तके निशानोंके साथ दिया गया हो, जो नियम संख्या ३ के अनुसार आवश्यक हैं;
"क्षेत्र" का अर्थ होगा न्यायाधीशका जिला या उसका वह भाग जिसे उपनिवेश-सचिव "गज़ट" में इस अधिनियमके खण्ड चारके उपखण्ड (१) के अन्तर्गत सूचना निकाल कर निर्धारित करे;
"एशियाई" का अर्थ होगा ऐसा कोई भी पुरुष जैसा कि १८८५ के कानून ३ की धारा एकमें बताया गया है, जो मलायामें जन्मा और दक्षिण आफ्रिकाके किसी ब्रिटिश उपनिवेश या अधिकृत प्रदेशका अधिवासी न हो; और न कोई ऐसा व्यक्ति हो जो उपनिवेशमें श्रम आयात अध्यादेश १९०४ के अन्तर्गत लाया गया हो या चीनी वाणिज्य दूतके कर्मचारी मण्डलमें अधिकारी पदपर नियुक्त हो;
"पंजीयन प्रमाणपत्र" का अर्थ होगा इस अधिनियमके खण्ड तीनके उपखण्ड (१) के अन्तर्गत दिया गया पंजीयन प्रमाणपत्र;
"संरक्षक" का अर्थ होगा सोलह वर्ष से कम आयुके किसी एशियाईका पिता या उसकी माँ या कोई अन्य व्यक्ति जिसकी देखरेख या जिसके नियन्त्रणमें उक्त एशियाई फिलहाल रहता हो या यदि ऐसा कोई व्यक्ति न हो तो उस एशियाईका मालिक;