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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/५५५

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
(जून-दिसम्बर १९०७)

जून १: गांधीजीने ब्रिटिश भारतीय संघकी बैठकमें भाग लिया जिसमें यह निश्चय किया गया कि प्रधानमंत्री जनरल बोथाके पास एक शिष्टमण्डल भेजकर उनसे समझौतेका प्रस्ताव स्वीकृत करनेका अनुरोध किया जाये।
जून ४: जनरल बोथाने शिष्टमण्डलसे मिलने से इनकार कर दिया।
जून ६: भारत-मंत्री जॉन मॉर्लेने लोक सभामें भारतके प्रस्तावित वैधानिक सुधारोंका स्वरूप बतलाया।
जून ८: ट्रान्सवाल 'गवर्नमेंट गजट' में एशियाई पंजीयन अधिनियमपर सम्राट्की स्वीकृति मिलनेकी घोषणा की गई।
जून १४: ट्रान्सवाल संसदका दूसरा अधिवेशन आरम्भ हुआ।
जून २८: गांधीजीने 'रैंड डेली मेल' से एक भेंट में कहा कि भारतीयोंने अधिनियमको न माननेका संकल्प किया है।
जून २९: अधिनियमके विरोध में आयोजित फोक्सरस्टकी सभा में भाषण दिया।
जून ३०: अधिनियमके फलितार्थ बताते हुए प्रिटोरियामें भारतीयोंकी सभा में भाषण दिया।
जुलाई १: अधिनियम प्रिटोरियामें लागू किया गया। पहला परवाना दफ्तर खुला। भारतीयोंको एक मास में पंजीयन करानेकी सूचना दी गई। पंजीयन के विरुद्ध आन्दोलन आरम्भ किया गया।
गांधीजीने सार्वजनिक सभामें भाषण दिया, 'रैंड डेली मेल' को पत्र लिखा कि चाहे जो परिणाम हो, प्रिटोरियाके भारतीय अनिवार्य पुनः पंजीयन कराना स्वीकार न करेंगे।
जुलाई २: फोक्सरस्टकी सभा में भाषण दिया, जिसमें जेल प्रस्तावपर कायम रहनेका निश्चय किया गया।
जुलाई ३: प्रवासी प्रतिबन्धक विधेयक प्रकाशित किया गया।
जुलाई ४: गांधीजीने 'स्टार' को पत्र लिखा जिसमें प्रवासी विधेयककी निन्दा की गई।
जुलाई ६: 'रैंड डेली मेल' को लिखा कि भारतीय अधिनियमके सम्मुख झुकनेकी अपेक्षा अपने सर्वस्वकी आहुति देना पसन्द करेंगे।
जुलाई ७: प्रिटोरियाकी सभा में भाषण दिया।
जुलाई ८: ट्रान्सवाल पंजीयन विधेयक ब्रिटिश लोकसभा में स्वीकृत हुआ।
जुलाई ९: ब्रिटिश भारतीय संघने ट्रान्सवाल विधानसभाको प्रवासी प्रतिबन्धक विधेयकके सम्बन्ध में प्रार्थनापत्र दिया।
जुलाई १४: गांधीजीने जोहानिसबर्ग में हमीदिया इस्लामिया अंजुमनकी सभा में भाषण दिया और भारतीयोंसे अनिवार्य पुनः पंजीयनको स्वीकार न करनेका अनुरोध किया।
जुलाई १५: ट्रान्सवाल फुटबॉल-संघकी बैठक भाषण दिया।
जुलाई १६: प्रिटोरियामें भारतीय व्यापारियोंकी सभा में भाषण दिया।