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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
अगस्त ३१: गांधीजी और अन्य लोगोंने श्री हाजी वजीर अली और उनके परिवारको विदाई दी। वे ट्रान्सवालसे इसलिए चले गये कि वे अधिनियमको मानना नहीं चाहते थे।
सितम्बर ४: नेटाल भारतीय कांग्रेसने दादाभाई नौरोजीको उनके जन्म-दिवसपर समुद्री तारसे बधाई भेजी।
गांधीजीने डर्बनमें नेटाल भारतीय कांग्रेसकी सभा में भारतीय संघर्ष के सम्बन्धमें भाषण दिया।
सितम्बर ७ से पूर्व: सनातन वैदिक धर्म सभा, जस्टिन द्वारा आयोजित भगवान कृष्ण के जन्मोत्सवमें भाग लिया।
सितम्बर ११: एशियाई पंजीयकको कोमाटीपूर्टमें रोके गये भारतीयोंके सम्बन्धमें पत्र लिखा।
सितम्बर १७: परवाना दफ्तर बॉक्सवर्ग गया।
सितम्बर २१ से पूर्व: उपनिवेश सचिवको भेजा जानेवाला भीमकाय प्रार्थनापत्र हस्ताक्षरोंके लिए घुमाया गया।
सितम्बर २२: गांधीजीने हमीदिया इस्लामिया अंजुमनकी सभा में भाषण दिया।
सितम्बर २४: परवाना दफ्तर जर्मिस्टन चला गया।
सितम्बर २९: गांधीजीने हमीदिया इस्लामिया अंजुमन और चीनी संघकी सभाओं में भाषण दिया।
अक्तूबर ६: ब्रिटिश भारतीय संघकी सभा में भाषण देते हुए कहा कि वे गिरफ्तार धरनेदारोंकी पैरवी करेंगे।
अक्तूबर ९: 'रैंड डेली मेल' को पत्र लिखा।
अक्तूबर १३: हमीदिया इस्लामिया अंजुमनकी सभा में भाग लिया।
अक्तूबर १४: हैलूने भेंट की और पंजीयनका प्रार्थनापत्र देनेपर खेद प्रकट किया।
अक्तूबर १५: न्यायालय में धरनेदारोंपर लगाये गये डराने-धमकाने के आरोपका खण्डन किया और पुलिस कमिश्नरको पत्र लिखा।
अक्तूबर १७: भारतमें बंग-भंग दिवस शोक-दिवसके रूपमें मनाया गया।
अक्तूबर १८: गांधीजीने 'स्टार' को पत्र भेजकर डराने-धमकानेके आरोपका खण्डन किया।
अक्तूबर २०: हमीदिया इस्लामिया अंजुमन और दक्षिण भारतीयोंकी सभाओं में भाग लिया।
अक्तूबर २३: ब्रिटिश भारतीय संघ और भारतीय विरोधी कानून-निधिकी बैठकोंमें भाग लिया।
अक्तूबर २४: एशियाई पंजीयन अधिनियमके सम्बन्धमें 'स्टार' को पत्र लिखा।
अक्तूबर २७: जोहानिसबर्ग के पुलिस कमिश्नरसे धरनेके सम्बन्ध में भेंट की।
हमीदिया इस्लामिया अंजुमनकी सभामें पुलिस कमिश्नर से हुई भेंटका हाल बताया। मुहम्मद शहाबुद्दीनसे, जिसपर मुल्लाने हमला किया था, भेंट की।
अक्तूबर: भारतमें विपिनचन्द्रपालको अरविन्द घोष के विरुद्ध राजद्रोहके मुकदमे में गवाही देने से इनकार करनेपर छः मासकी कैद की सजा दी गई।
नवम्बर १: ब्रिटिश भारतीय संघन ४,५२२ भारतीयोंके हस्ताक्षरोंसे युक्त भीमकाय-प्रार्थनापत्र उपनिवेश सचिवको भेजा।
गांधीजीने 'ट्रान्सवाल लीडर' को भारतीयोंके पंजीयनके सम्बन्ध में पत्र लिखा।
नवम्बर ९: कैक्स्टन हॉल, लन्दनमें मुसलमानोंकी सभा हुई जिसमें ट्रान्सवालमें भारतीयोंके साथ किये जानेवाले दुर्व्यवहारका विरोध किया गया।