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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/६५

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पत्र: प्रधान मन्त्रीके सचिवको

तुम चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें।" क्या मैं इस ईसाई सरकारसे इस बुद्धिमत्तापूर्ण उक्तिके अनुसरणकी प्रार्थना करूँ?

आपका, आदि,
ईसप इस्माइल मियाँ

[अंग्रेजीसे]
स्टार, ११-६-१९०७

२१. पत्र: प्रधान मन्त्रीके सचिवको

जोहानिसबर्ग
जून १२, १९०७

कार्यवाहक सचिव

प्रधान मन्त्री

[प्रिटोरिया]
महोदय,

आपके इसी मासको ४ तारीखके पत्र सं० १४/१ के सम्बन्धमें, मुझे इस बातपर खेद है कि प्रधान मन्त्री एशियाई पंजीयन अधिनियमके बारेमें मेरे संघके शिष्टमण्डलसे मिलना अनावश्यक समझते हैं।

किन्तु यह देखते हुए कि अभी कानूनको लागू करनेकी तारीख 'गजट' में प्रकाशित नहीं हुई है, मेरा संघ सरकारसे एक बार फिर प्रार्थना करता है और सादर सुझाव देता है कि स्वेच्छया पंजीयनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाये और यह अधिनियम बादमें, एक छोटे विधेयकके द्वारा, उन लोगोंपर लागू कर दिया जाये जो स्वेच्छया पंजीयनके प्रस्तावपर अमल न करें।

आपका, आदि,
ईसप इस्माइल मियाँ
कार्यवाहक अध्यक्ष,
ब्रिटिश भारतीय संघ

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, २२-६-१९०७

[]प्रधान मन्त्रीका खयाल था कि इससे कोई उपयोगी उद्देश्य' सिद्ध न होगा, क्योंकि अधिनियमसे सम्बद्ध सम्राटकी स्वीकृतिकी घोषणापर हस्ताक्षर किये जा चुके हैं।

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