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पैगम्बर मुहम्मद और उनके खलीफा

शोध करके पैगम्बरके विषयमें क्या लिखा है। वॉशिंगटन इरविंग-कृत इतिहास इन दोनों वर्गों के लोगोंके लिए लाभदायक हो सकता है। हम सारेका अनुवाद न देकर उसका मुख्य भाग दे रहे है। वॉशिंगटन इरविंग-कृत यह पुस्तक बड़ी अच्छी मानी जाती है। इसके लेखकने अन्य गोरे लेखकोंकी तरह इस्लामकी बुराई नहीं की है, तथापि सम्भव है कि हमारे वाचकोंको उसके विचार कहीं-कहीं पसन्द न आयें। समझदार लोगोंको वे विचार भी जानने चाहिए। किसी भी रचनाको पढ़कर उससे ज्ञान और सार ग्रहण करना पढ़नेका हेतु होता है। हम यह बात ध्यानमें रखकर नीचेके प्रकरण पढ़नेकी सलाह देते हैं।

वाशिंगटन इरविंग कौन थे?

हमें अब इस प्रश्नका उत्तर देना है। सन् १७८३ में अमेरिकाके न्यूयॉर्क नगरमें उनका जन्म हुआ था। वे कई वर्षों तक यूरोपमें रहे। वे अमेरिकाके प्रमुख लेखकोंमें से एक थे। उन्होंने अनेक पुस्तकें लिखी है। पैगम्बरके विषयमें लिखी गई पुस्तक उनमें से एक है। उनकी लेखन-शक्ति बड़ी अच्छी मानी जाती है। उनकी रचनाओंका दूर-दूर तक नाम है। वे नीतिमान व्यक्ति थे। उन्होंने जिस महिलासे विवाहका विचार किया था, उसका देहावसान हो जानेके कारण उसकी यादमें वे आजन्म अविवाहित रहे। सन् १८५९ में नवम्बरकी २८ तारीखको अपने निवास स्थानपर इन महान लेखकको मृत्यु हुई।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २२-६-१९०७
 

[१] ये प्रकरण यहाँ नहीं दिये जा रहे हैं। ये इंडियन ओपिनियनके जुलाई ६ और अगस्त १७ के बीचके अंकोंमें प्रकाशित हुए थे। यह लेखमाला छठे अध्यायका एक अंश प्रकाशित होनेके बाद बन्द कर दी गई थी। देखिए "हजरत मुहम्मद पैगम्बरका जीवन-वृत्तान्त" क्यों बन्द हुआ?", पृष्ठ २०५-०६।

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