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५९. 'पैसिव रेजिस्टेन्स' इत्यादि शब्दोंका गुजराती अर्थ

हमें निराश होकर कहना पड़ता है कि हमने कतिपय अंग्रेजी शब्दोंके समानार्थक गुजराती शब्दोंके विषयमें जो पुरस्कार घोषित किया था,[१] उसके मुताबिक लोगोंने जो शब्द भेजे हैं, उनमें ज्यादातर कामके नहीं हैं। केवल चार ही व्यक्तियोंने ऐसे शब्द भेजे हैं। इससे ऐसा नहीं जान पड़ता कि हमारा पाठक वर्ग 'इंडियन ओपिनियन' की भाषामें अथवा गुजराती भाषामें बहुत दिलचस्पी लेता है। एक सज्जन लिखते हैं कि 'पैसिव रेजिस्टेन्स' का शब्दार्थ 'प्रत्युपाय' हो सकता है। उसपर टिप्पणी करते हुए लेखक कहता है कि जो होता है उसे होने देना और उसका यथासम्भव इलाज करना प्रत्युपाय है। यह शब्द और यह टिप्पणी दोनों ही बेकाम हैं। 'प्रत्युपाय' अर्थात् अमुक वस्तुके विरुद्ध उपाय। तब अच्छेके मुकाबलेमें बुरा उपाय भी 'प्रत्युपाय' हुआ और शरीरबल द्वारा किया गया उपाय भी 'प्रत्युपाय' हुआ। 'पैसिव रेजिस्टेन्स' का अर्थ है, बुराईको दूर करनेके लिए आन्तरिक उपाय काममें लाना और शरीर-बलका उपयोग न करना। फिर जो टिप्पणी उन्होंने दी है, उससे नासमझी प्रकट होती है। 'पैसिव रेजिस्टर' जो कुछ होता है उसे कभी नहीं होने देगा; अर्थात् जो कुछ भी बुरा होगा उसके मुकाबले में वह हमेशा अपने मनोबलका उपयोग करता रहेगा। दूसरा शब्द 'कष्टाधीन प्रतिवर्तन' प्राप्त हुआ हैं। इसमें 'प्रति' शब्द फाजिल है और विरोधी है। इससे भाषाका अज्ञान प्रकट होता है। 'कष्टाधीन वर्तन' में 'पैसिव रेजिस्टेन्स' का कुछ आभास मिलता है, किन्तु यह शब्द बड़ा है और पूरा अर्थ प्रकट नहीं करता। तीसरा शब्द 'दृढ़ प्रतिपक्ष' भेजा है। जिस तरह 'प्रत्युपाय' उपयुक्त नहीं हो सकता, उसी तरह यह शब्द भी वह अर्थ प्रकट करनेमें समर्थ नहीं हो सकता जिस अर्थमें हम पैसिव रेजिस्टेन्सका उपयोग करते हैं। इन्हीं सज्जनने 'सिविल डिस-ओबिडिएन्स' के लिए भी शब्द भेजा है। यह उतावलीमें भेजा गया जान पड़ता है। उन्होंने 'सत्यानादर' शब्द दिया है। यह तो विरोधी अर्थ हुआ। इसका अर्थ हुआ सत्यका अनादर अर्थात् सत्यके मुकाबलेमें खड़ा होना। 'सिविल डिसओबिडिएन्स' तो असत्यका अनादर है और जब वह अनादर सत्य-रीतिसे हो तो 'सिविल' कहा जायगा। उसमें भी 'पैसिव' का अर्थ समाया हुआ है। इसलिए फिलहाल तो एक ही शब्दका प्रयोग किया जा सकता है और वह है 'सत्याग्रह'। यह शब्द जिन्होंने भेजा है वे[२] अपना नाम प्रकट नहीं करना चाहते। उन्हें इनामकी भी इच्छा नहीं है। इसका अर्थ यह नहीं कि वे पुरस्कारका अनादर करना चाहते हैं, किन्तु किसी रूपमें इस पत्रके साथ सम्बन्धित होनेके कारण वे इस पुरस्कारका लाभ नहीं उठाना चाहते।

हमने ऊपर जो आलोचना की, वह हेतुपूर्वक की है। जिन्होंने पुरस्कारके लिए ये शब्द भेजे हैं, योग्य यह था कि सम्पूर्ण विचार करके वे शब्दोंका उचित अर्थ समझते। 'पैसिव रेजिस्टेन्स' का अर्थ समझना भी आवश्यक था। जल्दी-जल्दी करके चाहे जो शब्द दे डालने से अपनी भाषाका अपमान होता है और अपना अनादर होता है। इसलिए ऐसा करना, और{{dhr|5em}

  1. देखिए, खण्ड ७, पृष्ठ ४५१
  2. यह व्यक्ति श्री मगनलाल गांधी थे। उन्होंने 'सदाग्रह' शब्द सुझाया था, जिसे बदल कर गांधीजीने 'सत्याग्रह' कर दिया था। देखिए दक्षिण आफ्रिकाके सत्याग्रहका इतिहास, अध्याय १२