पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 8.pdf/२०१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

८३. पत्रलेखकोंको सूचना

हम समझौतेके बारेमें काफी टीका-टिप्पणियाँ प्रकाशित कर चुके हैं। एक अंकमे उसके पक्षमें बहुत-सा छापा था। इस अंकमें उसके विरोध में जो मिला है, उसमें से जितना बना उतना प्रकाशित कर रहे हैं। हम सोचते हैं अब समझौतेपर टीका-टिप्पणी बन्द करनेका समय आ गया है। समाजको दूसरे काम हाथमें लेने हैं और नये पराक्रम दिखाने हैं। समाज सब-कुछ कर चुका, ऐसा नहीं है। जिसे हमेशा आगे बढ़ना है, वह कभी आरामसे नहीं बैठता। इसलिए हम इसके बाद समझौतेके बारेमें पक्ष या विपक्षके स्थानीय [ पत्रलेखकोंके ] टीकापत्र प्रकाशित नहीं कर सकेंगे। अलबत्ता भारत अथवा विलायतसे कुछ आये, तो भावी मार्गदर्शनकी दृष्टिसे ही थोड़ा-बहुत प्रकाशित करेंगे। इस अंकमें हमने जो-कुछ प्रकाशित किया है, उसमें कई लिखनेवालोंकी स्पष्ट भूल है, ऐसा हम सोचते हैं। किन्तु स्वयं हम तथा दूसरे इन बातोंके सम्बन्ध में इतनी अधिक टीका कर चुके हैं कि विशेष लिखने या भूल सुधारनेकी जरूरत नहीं जान पड़ती है। हरएक आन्दोलनमें कुछ-न-कुछ गलतफहमियाँ रहती हैं और होती हैं। उनके उत्तर हमेशा दिये नहीं जाते। वे उत्तर कालान्तरमें सबको मिल जाते हैं। अपने वाचक वर्गको अब हम समझौतेकी शिकायतों अथवा आलोचना बन्द करनेकी सलाह देते हैं। उन्हें इतना ही याद रखना पर्याप्त है कि हमने सत्याग्रहकी जो महिमा देखी, वह जरा भी धुंधली नहीं पड़ सकती।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ४-४-१९०८

८४. एक सत्यवीरकी कथा [१]

प्रस्तावना

अत्यन्त महान, धर्मात्मा और वीर पुरुष सुकरातका जन्म ईसासे ४७१ वर्ष पूर्व हुआ था। वे यूनानमें जन्मे थे और उनका जीवन धर्म और लोकहितके काम करनेमें बीता था। कुछ ईर्ष्यालु लोगोंसे उनका शील, उनके सद्गुण नहीं देखे गये; और उन्होंने उनपर झूठे आरोप लगाये। सुकरात खुदासे[१] बहुत डरकर चलते थे, इसलिए मनुष्यों द्वारा की गई आलोचनाकी कम परवाह करते थे। उनको मृत्युका भय नहीं था। वे सुधारक थे और यूनानकी राजधानी ऐथेन्सके लोगोंमें जो दोष आ गये थे सदा उनको दूर करनेका प्रयत्न करते थे। ऐसा करते हुए वे बहुत से लोगोंके सम्पर्कमें आते थे। युवकोंके मनपर उनका अच्छा-खासा प्रभाव

 
  1. गांधीजी जो समय-समयपर महत्त्वपूर्ण रचनाओंका गुजराती सार दिया करते थे, वे किसी-न-किसी प्रकार सामयिक विषयोंसे सम्बद्ध हुआ करते थे; और उनका उद्देश्य व्यावहारिक हुआ करता था, न कि ऐतिहासिक। यूनानका तत्कालीन धर्म बहु-देवतावादी था।