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९९. केपमें महत्त्वपूर्ण मुकदमा

केपमें चार भारतीय लड़कोंपर मुकदमा चलनेकी खबर दैनिक पत्रोंमें आई थी। इसलिए हमने रायटरकी मारफत खास खबर मँगाई। इस सम्बन्धमें हमें जो तार मिला है उसका सार हम नीचे देते हैं। हम मानते हैं कि हमारे पाठक [ प्रकाशित खबरमें ] यह सुधार देखकर प्रसन्न होंगे। बहुत बार अंग्रेजी अखबारोंमें ऐसी बातोंकी पूरी खबर नहीं आती। खास तार मँगानेसे हमें कुछ ज्यादा खर्च करना पड़ता है। किन्तु उससे महत्त्वपूर्ण खबर मिल सकती है। इसलिए हमने यह निश्चय किया है कि जब ऐसा अवसर आये तब यह व्यवस्था की जाये।

रायटरने तार दिया है कि केपके अधिकारी चार भारतीय लड़कोंको केपमें उतरने देनेसे इनकार कर रहे थे। लड़कोंकी सफाई यह थी कि उनके माँ-बाप केपके अधिवासी हैं और उनकी आयु सोलह वर्षसे कम है, इसलिए उनको प्रविष्ट होनेका अधिकार है। इस सम्बन्धमें चार डॉक्टरोंने गवाही दी कि लड़कोंकी आयु सोलह वर्ष से अधिक है। सात डॉक्टरोंकी गवाही यह थी कि उनकी आयु सोलह वर्षसे कम है। इनमें से एक डॉक्टर कैरी थे। उन्होंने गवाही देते हुए कहा कि उन्हें भारतका बहुत अनुभव है। ये चार बालक [ भारतके ] जिस भाग से आये हैं उनमें मुसलमानोंका कद अच्छा देखा जाता है। इससे उन्होंने अनुमान किया कि उन लड़कोंका कद, मुसलमान होनेके कारण, सोलह वर्षसे कम आयुके लड़कोंके समान ही है। सर्वोच्च न्यायालयने इस गवाहीको मान्य करके लड़कोंको उतरनेकी अनुमति दे दी।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १८-४-१९०८

१००. जोहानिसबर्गकी चिट्ठी

सत्याग्रही भारतीय

संघके खजानची श्री कुवाड़िया देश जानेके लिए रवाना हो चुके हैं। उनका विचार बहुत करके अब देशसे वापस आनेका नहीं है। अपनी आयुका तिहाई भाग उन्होंने दक्षिण आफ्रिकामें बिताया है। इसलिए बाकी जिन्दगी देशमें रहकर खुदाकी बन्दगीमें तथा देशके कल्याणके कामोंमें गुजारनेका उनका विचार समझमें आता है और प्रशंसनीय है। हमीदिया अंजुमनने इतवारको उनका अभिनन्दन किया। उसी दिन श्री कुवाड़ियाने भी अपने यहाँ भोज दिया।

श्री कुवाड़ियाने सत्याग्रहकी लड़ाईमें बहुत अच्छा काम किया। उन्होंने अन्ततक हिम्मत रखी, जो लोग उनकी बात मान सकते थे ऐसे बहुत लोगोंको दृढ़ रखा तथा अपने भाषणोंसे लोगोंका उत्साह बढ़ाया। उनका व्यापार ठीक था, फिर भी उन्होंने उसकी परवाह किये बिना दूसरे व्यापारियोंकी तरह नुकसानका बोझ उठाया। लड़ाईके समय चन्दा करनेके लिए भी वे स्वयं निकल पड़े थे। ईश्वर उन्हें दीर्घायु करे और वे सदा अच्छा काम करें यह हमारी प्रार्थना है।