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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

धीराने उसे दण्ड दिया। इसलिए सर्वोच्च न्यायालयमें अपील की गई। सर्वोच्च न्यायालयाने निर्णय दिया कि नगरपालिकाको तदनुसार विनियम बनानेका हक है; और इसलिए सजा बहाल रखी गई। यह महत्त्वपूर्ण निर्णय है। इससे कुछ सीखा जा सकता है।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २-५-१९०८

११८. एक सत्यवीरकी कथा [५]

"इसलिए मैं आपसे कहता हूँ कि आप मेरे विरुद्ध कही बातोंको मानें या न मानें, मुझे छोड़ें या न छोड़ें और चाहे मुझे अनेक बार मृत्युका सामना करना पड़े तो भी मैं अपना तरीका न छोडूँगा।

"मैं जो कुछ कहता हूँ उससे आप नाराज न हों। मेरी बातको आप ध्यान देकर सुनें, क्योंकि मेरी समझसे मेरी बात सुननेमें आपका लाभ है। अब मैं जो कहनेवाला हूँ, उससे आपको कदाचित् रोष आ जाये। किन्तु आप रोष न करके ध्यानसे सुनें। यदि आप मुझे मृत्य-दण्ड देंगे तो मैं जैसा हूँ उसके कारण उससे मेरा उतना नुकसान नहीं होगा जितना कि आपका होगा। मुझे मेलीटस या अन्य व्यक्ति हानि नहीं पहुँचा सकते। उनमें मुझे हानि पहुँचानेकी शक्ति नहीं है। एक अच्छे आदमीको उससे उतरता आदमी नुकसान पहुँचा सके, यह सम्भव नहीं हो सकता। उसके आरोपके परिणामस्वरूप मुझे कदाचित् मृत्यु- दण्ड मिले, मेरा निर्वासन किया जाये या मेरे अधिकार छीन लिये जायें। आपको लगता है कि यदि ऐसा हुआ तो मेरी भारी हानि होगी। किन्तु मैं इसमें हानि नहीं मानता। किन्तु जो व्यक्ति अन्यायसे अन्य व्यक्तिको मरवानेका प्रयत्न करता है वह उस प्रयत्नसे अपनी ही हानि करता है। इसलिए आप यह न मानें कि मैं अपनी सफाई दे रहा हूँ। आपके समीप खड़ा होकर मैं जो पुकार कर रहा हूँ वह आपके हितार्थ है। आप प्रभुकी आज्ञाका उल्लंघन करके जो बुरा काम करेंगे मैं आपको उसमें से उबारना चाहता हूँ। आप मुझे मारनेकी आज्ञा दे देंगे तो आपको मेरे जैसा काम करनेवाला दूसरा व्यक्ति पाना कठिन होगा, यह कहना शोभाजनक नहीं है; किन्तु कहे बिना काम नहीं चलता। जैसे शक्तिमान् घोड़ेके लिए लगामकी[१] आवश्यकता होती है, वैसे ही आप शक्तिमान हैं, इसलिए आपके लिए लगामकी आवश्यकता है। मैं लगाम बनकर रहूँ, इसे मैं प्रभुका आदेश समझता हूँ। इसलिए यदि आप मेरी सम्मति मानें तो आप मेरे प्राण न लें। किन्तु सम्भावना यह है कि जैसे कोई किसी निद्रालु पुरुषको उसकी नींदसे जगाये तो वह चिढ़कर उसे मारने दौड़ता है, वैसे ही आप मुझपर चिढ़कर विचार किये बिना मुझे मारनेकी आज्ञा दे देंगे। उसके बाद आपको मुझ जैसा दूसरा व्यक्ति न मिलेगा तो आप फिर सो जायेंगे। मैं आपका हित-साधक हूँ और मुझे प्रभुने आपके पास भेजा है। आप यह देख सकते हैं कि मैं अपना निजी काम एक ओर रख देता हूँ, सदा

 
  1. एक अंग्रेजी अनुवादमें भिन्न उपमा दी गई है। सुकरात कहता है: "एथेन्स एक सुस्त घोड़ा है जिसे सावधान बनानेके लिए घुमक्खीकी जरूरत होती है, और मैं वह घुमक्खी हूँ जिसे भगवानने इसीलिए भेजा है कि मैं नगरको डंक मारता रहकर सचेत रखू"।