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१७७.पत्र अखबारोंको[१]

जोहानिसबर्ग,
जून २२, १९०८

एशियाई जातियों और सरकारके बीच होनेवाले समझौतेके उपनिवेश-सचिव द्वारा भंग किये जाने के आरोपके सम्बन्धमें समाचार-पत्रोंमें विविध वक्तव्य प्रकाशित हुए हैं। सरकार और एशियाई जातियोंके बीच इस सिलसिलेमें होनेवाली वार्ताओंके नाजुक होनेके कारण अबतक मामलेको जन-साधारणके समक्ष रखना सम्भव नहीं हुआ।

खेदके साथ कहना पड़ता है कि वह बातचीत आज एकाएक और असन्तोषजनक ढंगसे समाप्त हो गई। मैं "असंतोषजनक" शब्दका प्रयोग उसे केवल एशियाई लोगोंपर ही नहीं, बल्कि समस्त साम्राज्यपर लागू समझकर कर रहा हूँ। जनरल स्मट्स उस सन्तापजनक एशियाई अधिनियमको, जिसके कारण एशियाई लोगोंको विपुल धनराशिकी हानि सहनी पड़ी है और बहुत ज्यादा मुसीबतें--इनमें दो सौसे ऊपर निर्दोष एशियाइयोंका, मुख्यतः ब्रिटिश एशियाई लोगोंका कारावास भी सम्मिलित है--उठानी पड़ी हैं, रद करनेके लिए राजी थे। इससे प्रकट होता है कि जनरल स्मट्स इस अधिनियमको रद करनेका वचन दे चुके थे और उसी वचनसे अब भी बँधे हुए हैं।

परन्तु वे समझौतेका बाह्य रूपसे पालन करने को राजी थे तो साथ ही उसकी वास्तविक भावनाको तोड़ना भी चाहते थे, क्योंकि ऐसा तो नहीं कहा जा सकता कि समझौतेके अन्तर्गत और उसके बाद एशियाइयोंकी स्थिति उससे भी बदतर हो जानेको थी, जैसी एशियाई अधिनियमके अन्तर्गत है। लेकिन जनरल स्मट्सका मसविदा--जिसे मैंने आज अत्यन्त खेदके साथ पढ़ा है और जहाँतक मेरा सम्बन्ध है अस्वीकार कर दिया है--ऐसा ही था।

उस समझौतेके मसविदेका मंशा यह था कि निम्नलिखित श्रेणियोंमें आनेवाले लोग प्रतिबन्धित प्रवासी माने जायें:

(क) ऐसे एशियाई जिनमें प्रवासी प्रतिबन्धक अधिनियमके द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यताएँ हों।

(ख) ऐसे एशियाई, चाहे वे उपनिवेशके भीतर अथवा बाहर रहते हों, जिनके पास १८८५ के कानून ३ के अन्तर्गत ऐसे डच पंजीयन प्रमाणपत्र हों, जिनके लिए वे ३ पौंड अदा कर चुके हैं।

(ग) अन्य एशियाई जो लड़ाईके पूर्व ट्रान्सवालके निवासी थे, और जो किसी अदालतके सामने अपने पिछले निवासको सिद्ध कर सकें।

 
  1. यह २७-६-१९०८ के इंडियन ओपिनियनमें "श्री गांधीका वक्तव्य" शीर्षकसे छपा था। यह स्टारके साथ-साथ अन्य अखबारोंमें भी प्रकाशित हुआ था। लेकिन, स्टारवाला पाठ उपलब्ध नहीं है। रिचने इस पत्रकी एक नकल इंडिया ऑफिसको भेज दी थी। रिचने उसका वर्णन "ब्रिटिश भारतीयों और ट्रान्सवाल सरकारके बीच चल रहे झगदेके मुद्दों" को स्पष्ट करनेवाला "परिपत्र" कह कर किया था।