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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सकते। श्री गांधीने यह बात सर्वोच्च न्यायालयपर छोड़नेको कहा, किन्तु श्री स्मट्स सहमत नहीं हुए। अब परीक्षणात्मक मुकदमा अवश्य करना होगा। श्री सोराबजी शापुरजीने, जो बम्बईकी अनेक अंग्रेजी परिक्षाओंमें उत्तीर्ण हुए हैं और जो चार्ल्सटाउनमें हैं, अपना मुकदमा दायर करवाना स्वीकार किया है और वे फोक्सरस्टमें बुधवारको स्वयं दाखिल होंगे। श्री चैमनेको इस विषयमें तार भी भेजा गया है कि यदि वे उन्हें गिरफ्तार करना चाहें, तो खुशी से करें। यह लेख छपनेतक कदाचित् न्यायाधीशकी अदालतमें इसके विषयमें फैसला भी हो चुकेगा।

बुधवार [जून २४, १९०८]

श्री सोराबजी बुधवारको ट्रान्सवालमें दाखिल हुए। अनुमानके विपरीत उन्हें सीमापर रोका नहीं गया। इसलिए वे जोहानिसबर्ग पहुँच गये हैं। पुलिस उनपर नजर रख रही है और अन्दाज यह है कि थोड़े समय तक यही स्थिति रहेगी। इससे जाहिर होता है कि सरकारके खेमेमें कुछ मतभेद है। उसके कानूनी सलाहकारोंकी मान्यता है कि प्रवासी कानूनकी रूसे श्री सोराबजीपर हाथ नहीं लगाया जा सकता। फिर भी सम्भव है कि श्री सोराबजी जल्दी ही पकड़ लिये जायें।

ट्रान्सवालके कानून बनानेवाले!

जनरल स्मट्सने संसदमें ट्रान्सवाल नगरपालिका [एकीकरण] विधेयक वापस लेनेकी सूचना दी है। 'ओपिनियन' के पाठकोंको स्मरण होगा कि उस विधेयकका भारतीय समाजने सख्त विरोध किया था।[१] अभी-अभी 'ट्रान्सवाल लीडर' में खबर प्रकाशित हुई है कि सरकारका विचार स्वर्ण-कानून सम्बन्धी विधेयकको भी रद करनेका है। उस विधेयकके बदले एक दूसरा छोटा विधेयक पेश किया जायेगा। किन्तु ट्रान्सवाल सरकारने इस विधेयक सम्बन्धी खबरको सच नहीं बताया है।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २७-६-१९०८
 
  1. देखिए "प्रार्थनापत्र: ट्रान्सवाल विधानसभाको", पृष्ठ २८६-८८।