पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 8.pdf/३४९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३१३
भाषण: सार्वजनिक सभामें

अपने मामलोंकी व्यवस्थामें उनकी आवाज हो, उनसे सम्बन्धित जो विधान बने, उसमें उनकी सुनाई हो। वे केवल मतदान-पत्र नहीं चाहते। क्योंकि भारतीयों और एशियाइयोंके लिए मतदान-पत्रका मूल्य उस कागजके इतना भी न होगा जिसपर हस्ताक्षर किया जायेगा। वे वास्तविक मतदान-पत्र चाहते हैं---वे चाहते है कि कोई विधान पास किये जानेसे पहले उनसे भी सलाह ली जाये।

और उन्होंने पाया क्या? उन्होंने देखा कि एक स्वर्ण-कानून सामने है, एक नगरपालिका-विधेयक हमारे लिए तैयार है। ये दोनों विधेयक उनके अधिकारोंकी और भी काँट-छाँट करनेवाले हैं, जिन्हें इस देशमें रहनेका अधिकार है। क्या उनके पास यह विश्वास करनेके लिए पूरा कारण नहीं है कि गांधीने उन्हें गुमराह किया? क्या उनके पास यह विश्वास करनेके लिए पूरा कारण नहीं है कि अब गांधीके कहनेसे उन्हें कष्ट सहन करनेकी कोई आवश्यकता नहीं है?

मैं अपने सामने एक योद्धा, एक सैनिकको देखता हूँ। वे मेरे जेलके साथी रहे हैं। वे कहते हैं, "मैं आपका विश्वास कैसे करूँ? आपने अपने देशवासियोंको गुमराह किया है। आपने अठारह अँगुलियोंके निशान दिये हैं। मैंने नहीं दिये। मैं अपने तमगे धारण करता हूँ और वही मेरा पंजीयन है।"

उनके ही एक दूसरे धर्म-बन्धु या एक पठान बन्धुने मेरे ऊपर आक्रमण किया है। मेरे ऊपर आक्रमण करनेके लिए उनको जितना धन्यवाद दिया जाये थोड़ा है, क्योंकि उनका विश्वास था कि मैं समाजको बेचे दे रहा हूँ। उनको मेरे विरुद्ध कोई शिकायत न थी। वे मेरे मुवक्किल थे। उन्होंने जो किया उसको करनेका उन्हें पूरा अधिकार था। और इस बातको मैं उन परिणामोंसे समझ रहा हूँ जो समूचे एशियाई समुदायपर थोप दिये गये हैं।

सज्जनो! जो यहाँ उपस्थित हैं और जिनका प्रभाव इस इमारतकी चारदीवारीके बाहर दूर तक पड़ता है, इस सभासे, इस बातको पूरी तरह समझ कर जायें कि जनरल स्मट्सके कार्यका, जो गोरे समुदायोंके नामपर किया गया है, क्या परिणाम होगा। मैं समझ सकता हूँ, मैं फर्क कर सकता हूँ, परन्तु जैसे मेरे देशवासी फर्क नहीं कर सकते और उनके पास केवल एक ही इलाज है: मुझपर आक्रमण करना, एक दूसरे भाईका इलाज है मुझे बताना कि मैंने अपने देशवासियोंको बेच दिया, उसी प्रकार उनके लिए सम्भव नहीं है कि वे एक गोरेके शब्दोंमें और दूसरे गोरेके शब्दोंमें फर्क कर सकें और विशेषकर उस अवस्थामें जब यह शब्द राज्यके लगभग सर्वोच्च पुरुषका शब्द हो।

मैं पूरे जोर और निश्चयके साथ कहता हूँ कि जनरल स्मट्सने एशियाइयोंके पंजीयककी उपस्थितिमें वादा किया था कि वे इस अधिनियमको रद करने जा रहे हैं बशर्ते कि एशियाई समुदाय समझौते की शर्तोका पूर्ण रूपसे, बिना किसी हिचकके और मुक्त रूपसे पालन करें, एशियाई समुदाय देशमें प्रत्येक एशियाईकी शिनाख्त करनेमें जनरल स्मट्सको समर्थ बनायें, और एशियाई समुदाय जनरल स्मट्सको यह देखनेमें समर्थ बनायें कि ऐसा कोई भी एशियाई नहीं है जो देशमें चोरीसे घुस आये और पुलिस उसको पा न सके। इन शर्तोको एशियाई समुदायोंने पूरा कर दिया है और इतनेपर भी हम आज देखते हैं, यहाँ इस तीसरे पहर हम यही मालूम करनेके लिए एकत्रित हुए हैं कि यह अधिनियम उस तरह रद नहीं किया जानेवाला है, जैसा कि इसे रद किया जाना चाहिए और इसे रद करने के वादेको चारों ओरसे ऐसे