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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

खातिर नहीं, बल्कि दूसरोंके लिए फेरीवालोंका वेश धारण करते हैं, उन्हें शरमानेके बजाय गर्व करना चाहिए। हमें ऐसे अध्यक्ष प्राप्त हुए हैं इसे मैं अपना गौरव मानता हूँ। उसी प्रकार आप सब भी मानते होंगे। हमें तो अब जेल ही जाना है। समस्त समाजके नेताओंको उचित है कि वे परवाने और पंजीयन प्रमाणपत्र इकट्ठा करनेके लिए निकल पड़ें। पंजीयन-पत्रोंका जलाया जाना फिलहाल स्थगित रखना चाहिए, परन्तु उनका इकट्ठा किया जाना मुल्तवी नहीं करना है। शिक्षितोंके विषयमें हमें पुनः कहना चाहिए कि इस मामलेमें हमें लड़ना ही है। अगर हम बैरिस्टर श्री जिन्ना, न्यायमूर्ति अमीर अली, अथवा प्रिंस रणजीत-सिंह जैसे व्यक्तियों तथा ऐसे ही सुशिक्षित अन्य लोगोंके लिए न लड़े, तो हम लोगोंको श्री चैमनेकी ही मेहरबानीका मोहताज रहना होगा। अब इस विषयको मैं आपके ही विवेकपर छोड़ता हूँ। इस संघर्षमें साहसका ही काम है। और साहस ही विजयका चिह्न है। इसलिए अब तो हरएकको साहसपूर्वक ही मैदानमें आना है। और ऐसा करते हुए अपनी बहादुरी दिखा देनी है। अगर हम लोग बहादुरी दिखायेंगे, तो जो माँगा गया है वह अवश्य प्राप्त होगा।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २५-७-१९०८

२२८. इस्माइल आकूजी तथा अन्य लोगोंका मुकदमा

[ जोहानिसबर्ग
जुलाई २१, १९०८ ]

इस माहकी तारीख २१, मंगलवारको उसी अदालतमें [ श्री पी० सी० डालमाहाँयके सामने 'डी' अदालतमें ] इस्माइल आकूजीपर परवानेके बिना व्यापार करनेका आरोप लगाया गया। उन्होंने अपनेको निर्दोष बताया। उनकी ओरसे श्री गांधीने पैरवी की।

जे० बी० बैरेटने बताया कि मैं जोहानिसबर्ग नगरपालिकाके अधीन परवाना-निरीक्षक हूँ। कल नगरपालिकाके क्षेत्रके अन्दर, मार्केट स्क्वेयरमें, मैंने अभियुक्तको बिक्रीके लिए फल निकालते देखा था। मैंने अभियुक्तसे उसका परवाना माँगा था, पर उसने जवाब दिया कि उसके पास परवाना नहीं है।

जिरहके जवाबमें उन्होंने कहा कि मुझे सरकारी निर्देशोंकी कोई जानकारी नहीं है।

टी० एच० जेफर्सनने बताया कि मैं जोहानिसबर्ग नगरपालिकाका मुख्य परवाना-निरीक्षक हूँ। उन्होंने 'गवर्नमेंट गजट' पेश किया, जिसमें एशियाई अधिनियम संशोधन कानून, उसके अन्तर्गत बनाये गये विनियम तथा तदनुसार निकले वे नोटिस प्रकाशित हुए थे, जिनके अनुसार उन्हें मुकदमा चलानेका अधिकार प्रदान किया गया था। उन्होंने कहा कि मैंने एशियाई पंजीयक द्वारा टाउन क्लार्कको इसी माहकी ७ तारीखको लिखा गया एक पत्र देखा था, जिसमें कहा गया था कि एशियाई अधिनियम संशोधन कानून विधि-पुस्तिकामें बरकरार रहेगा और इस कानूनके अधीन उन एशियाइयोंको छोड़कर, जिनके पास पंजीयन प्रमाणपत्र हैं और जो