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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

नायडूके साथी बाहर निकले

श्री नायडूके साथ जो पाँच भारतीय जेल गये थे और जिनके नाम मैं पहले दे चुका हूँ, वे आज छूटकर आ गये हैं। उन्हें लेनेके लिए श्री ईसप मियाँ वगैरा बहुत-से नेता पहुँचे थे। बादमें श्री ईसप मियाँके घर चाय तथा बिस्कुटसे उनका स्वागत किया गया। उसी समय फलवालोंने केले-सन्तरे भेजे। श्री ईसप मियाँ, मौलवी साहब, इमाम साहब इत्यादिके भाषण हुए।

तिलकके कुटुम्बसे सहानुभूति

आजकी सभामें श्री तिलकके कुटुम्बको सहानुभूतिका तार भेजने का प्रस्ताव पास किया गया।[१]

रिचका परिश्रम

श्री रिच विलायतमें परिश्रम कर रहे हैं। तार आया है कि लॉर्ड क्रूके साथ शिष्टमण्डलकी मुलाकात हुई। यह भी जान पड़ता है कि इस मुलाकातसे श्री रिचको सन्तोष हुआ; अर्थात् अब विलायतमें काम चल निकला है, ऐसा दिखाई पड़ रहा है।

लॉर्ड सेल्वोर्नका भाषण

लॉर्ड सेल्बोर्नने वेरीनिगिंगमें भाषण किया। उसमें उन्होंने कहा कि जिन एशियाइयोंको ट्रान्सवालमें रहनेका हक है, उन्हें तकलीफ नहीं होनी चाहिए और उनके अधिकारोंकी रक्षाके लिए इंग्लैंडकी सरकारको बीच-बचाव भी करना चाहिए। बाकी, नये लोगोंको आने दें या नहीं, यह उपनिवेशके अधिकारकी बात है। इससे यह जान पड़ता है कि शिक्षित लोगोंके अधिकारकी रक्षा करनेमें मुश्किलें दरपेश होंगी। इसका उपाय शिक्षितोंके हाथमें है। वह क्या है, इसपर उस समय विचार करेंगे जब केवल यही प्रश्न सामने रहेगा।

अन्त कब होगा?

परन्तु यह सवाल उठा ही करता है कि संघर्षका अन्त कब होगा? यहाँको लोकसभा तारीख २१ को उठ जायेगी। माना जा सकता है कि यदि तबतक संघर्ष खत्म न हुआ, तो फिर आगामी जनवरी तक उसका अन्त न होगा। चाहे जो हो, इसमें हमें गाँठसे कुछ खोना नहीं पड़ेगा, ऐसा कह सकते हैं।

सोराबजीका सन्देश

श्री सोराबजी जेलमें सुखी हैं।[२] जो दुःख आता है उसे वे कौमकी खातिर सहते हैं। आज जेलसे जो कैदी निकले हैं, उनकी मारफत उन्होंने कहलवाया है कि जेलसे निकलनेके बाद वे फिर जेल जायेंगे, लेकिन ट्रान्सवाल नहीं छोड़ेंगे।

मंगलवार [ अगस्त ४, १९०८ ]

मूलजी भाई गिरधरलाल पटेल

श्री पटेलको पकड़ लिया गया है। उनकी गिरफ्तारी कल हुई थी। गिरफ्तारीका कारण यह है कि उन्होंने बाकायदा पंजीयन नहीं कराया। श्री मूलजीभाई अभी-अभी

 
  1. देखिए "महान तिलकको सजा", पृष्ठ ४१२-१३।
  2. देखिए "जोहानिसबर्ग की चिट्टी", पृष्ठ ४०५।