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पत्र: जनरल स्मट्सको

१२. प्रार्थी संघ जिस समाजका प्रतिनिधित्व करता है, उस समाजका उन स्वेच्छया पंजीयन प्रमाणपत्रोंसे लाभ उठानेका कोई इरादा नहीं है, जो सद्भावके साथ लिये गये थे।

१३. प्रार्थी संघ सम्माननीय सदनका ध्यान विनम्रतापूर्वक इस तथ्यकी ओर आकर्षित करता है कि भारतीय समाजके प्रमुख सदस्योंने समझौते के अपने अंशका पालन बहुत बड़े व्यक्तिगत त्याग करके और जानकी जोखिम[१] उठाकर भी किया है।

१४. प्रार्थी संघकी भावना है कि सम्माननीय सदनके सामने प्रस्तुत विधेयक, समझौतेके संदर्भमें संघ द्वारा उपनिवेशकी सरकारको दी गई निश्चित मूल्यवान सहायताकी उपेक्षा करता है।

१५. इसलिए आपके प्रार्थीगणकी नम्र प्रार्थना है कि सम्माननीय सदन विधेयकको रद कर दे अथवा अन्य कोई उचित और योग्य राहत दे। इस न्याय और कृपाके लिए इत्यादि, इत्यादि।

ईसप इस्माइल मियाँ
अध्यक्ष
मो० क० गांधी
अवैतनिक मन्त्री

[ अंग्रेजीसे ]

प्रिटोरिया विधानसभाके आर्काइव्जसे, तथा उपनिवेश कार्यालयके कागजात २९१/१३२ से भी।

२७२. पत्र: जनरल स्मट्सको[२]

[ जोहानिसबर्ग ]
अगस्त १४, १९०८

प्रिय महोदय,

जो आन्दोलन भारतीयोंके लिए कभी समाप्त न होनेवाला संघर्ष बनता दीख पड़ता है, उसके प्रारम्भ होनेके पहले आपसे कुछ निवेदन करना मैं अपना कर्त्तव्य समझता हूँ। जोहानिसबर्ग जेलमें इस समय करीब साठ भारतीय कठोर कारावासका दण्ड भोग रहे हैं। जबसे संघर्ष नये सिरेसे शुरू हुआ है, तबसे ३० से भी अधिक व्यक्ति कारावासका दण्ड भोगकर छूट चुके हैं। इस समय १३ भारतीय व्यापारी स्टैंडर्टन जेलमें सजा काट रहे हैं।

रविवारको हम पंजीयन प्रमाणपत्रोंको जलानेके लिए एकत्र होंगे।[३] इस पत्रके लिखते समयतक आये हुए प्रमाणपत्रोंकी संख्या लगभग[४]...है। वे अब भी आते जा रहे हैं। बहुत सम्भव है कि हमारे पास रविवारतक उनकी संख्या कमसे-कम १५०० तक हो जाये। मैं नहीं जानता कि वे सभी लोग सच्चे हैं, आखिरतक लड़ते रहेंगे और हर तरह की कठिनाई सहते रहेंगे या नहीं। किन्तु उनका प्रमाणपत्र देना उनकी सच्चाई जाहिर करता है।

 
  1. यहाँ तात्पर्य ईसप मियाँपर आक्रमणसे है। देखिए "मेरा सम्मान", पृष्ठ ९० ९४, "जोहानिसबर्गकी चिट्ठी", पृष्ठ २४३ और "ईसप मियाँ", पृष्ठ २४९।
  2. यह पत्र कटा-फटा है और कतिपय स्थानोंपर अस्पष्ट है।
  3. १६ अगस्त। पहले इन प्रमाणपत्रों को जलानेकी तारीख रविवार १२ जुलाई निश्चित हुई थी, परन्तु कार्टराइटके सुझावके अनुसार यह स्थगित कर दिया गया था। देखिए "पत्र: ए० कार्टराइटको", पृष्ठ ३४५-४६।अन्तमें ये प्रमाणपत्र १६ अगस्तकी सार्वजनिक सभामें जलाये गये।
  4. यहाँ एक शब्द गायब है।