पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 8.pdf/५१६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४७६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

दिया है; किन्तु उससे भी अधिक महत्त्वकी बात तो यह है कि उसमें शिक्षितोंका बचाव नहीं होता और लगता है कि इस प्रश्नको लेकर बहुत लड़ना पड़ेगा। यह संघर्ष छेड़ना भारतीय समाजका कर्तव्य है।

शिक्षित कौन हैं?

हम देखते हैं कि इस विषयपर बहुत चर्चा की जा रही है। भारतीय समाजकी माँग यह है कि सब शिक्षितोंको कानूनकी नजरमें समानाधिकार मिलना चाहिए। यद्यपि ऐसा है, फिर भी उसका अमल इस तरह होता है कि भारतीयोंकी परीक्षा सख्त और गोरोंकी सरल होती है। नेटाल और केपमें भी ऐसा ही होता है। भारतीयोंकी परीक्षा सख्त होती है। ट्रान्सवालमें उससे भी सख्त परीक्षा होती है। हम यह कह देना चाहते हैं कि इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है। इसका नतीजा यह होता है कि बैरिस्टर आदि ही आ सकेंगे। हम इससे अधिक कुछ कर सकते हैं, ऐसा सम्भव नहीं दिखाई पड़ता। कहनेका अर्थ यह है कि शिक्षितोंके लिए द्वार एकदम बन्द नहीं होना चाहिए। यदि कम पढ़े-लिखे लोग धन्धेके सम्बन्धमें आना चाहें तो निश्चित अवधिके लिए अनुमतिपत्र लेकर आनेकी अनुमति देनेवाली धारा तो है ही। इसलिए सच कहा जाये तो उनके बारेमें कोई कठिनाई नहीं उठती।

एक आपत्ति

इस विधेयकमें एक अड़चन दिखाई पड़ती है। जो इसके बाद ट्रान्सवालमें आयेंगे और जिनके पास अनुमतिपत्र न होगा, उन्हें यह सिद्ध करना होगा कि वे युद्धके पहले ३ साल रह चुके हैं। यह धारा उनपर भी लागू होती है जो इस समय ट्रान्सवालमें हैं। मुझे ऐसा लगता है कि इसका कोई रास्ता निकल सकता है। यदि समझोता हुआ, तो जान पड़ता है कि बात बन सकेगी।

नेटाल निवासी

श्री दाउद मुहम्मद, श्री पारसी रुस्तमजी, श्री एम० सी० आंगलिया तथा श्री राँदेरी क्रूगर्सडॉर्प, पाँचेफ्स्ट्रम तथा क्लार्क्सडॉर्पसे वापस आ गये हैं। उक्त सज्जनोंका सभी स्थानोंपर स्वागत हुआ और सभी स्थानोंपर लोगोंने उत्साहके साथ अपने पंजीयन प्रमाणपत्र [ जलानेके लिए ] उनके सुपुर्द किये। पहले श्री ईसप मियाँने इन सभी सज्जनोंका आतिथ्य किया। अब श्री फैन्सी[१] कर रहे हैं। वे श्री कामाके घरमें रहते हैं। भारतीय समाज इन सभी सज्जनोंका आभारी है।

फोक्सरस्ट तथा चार्ल्सटाउनमें श्री ईसप सुलेमान तथा श्री मुल्ला समाजका बोझ उठा रहे हैं। उनके यहाँ बहुत-से भारतीय रहते हैं। तिसपर भी वे हिम्मत नहीं हारते और मदद कर रहे हैं। इन सब बातोंसे प्रकट होता है कि भारतकी स्थिति अच्छी है।

श्री शेलत प्रिटोरियासे प्रमाणपत्र लाये हैं। वहाँ श्री जोशी, श्री मेढ़ तथा श्री कीलावाला [ प्रमाणपत्र इकट्ठा करनेके लिए ] दौरा कर रहे हैं।

 
  1. हमीदिया इस्लामिया अंजुमनके अवैतनिक मन्त्री।