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परिशिष्ट

परिशिष्ट १

प्रवासी प्रतिबन्धक अधिनियम

ट्रान्सवालके गत मासकी २७ तारीखके सरकारी गज़टमें १९०७ के प्रवासी प्रतिबन्धक अधिनियम १५ सम्बन्धमें प्रकाशित एक सूचनाके द्वारा यह घोषणा की गई है, "कि महामहिम सम्राट्की सरकार उसको अस्वीकृत करना नहीं चाहती।" एक दूसरी सूचनामें घोषणा की गई है कि अधिनियम इसी मासकी पहली तारीखको लागू होगा। इसलिए वह लागू हो चुका है। इस अधिनियमके अन्तर्गत श्री मॉटफोर्ड चैमने प्रधान प्रवासी-प्रतिबन्धक अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। हम निम्न खण्डोंको, जो एशियाइयोंपर लागू होते हैं, उद्धृत करते हैं:

अधिनियमसे उद्धरण

१. इसके द्वारा शान्ति-रक्षा अध्यादेश १९०३ रद हो जायेगा और रद किया जाता है। व्यवस्था की जाती है कि उसको रद करनेसे एशियाई कानून संशोधन अधिनियम १९०७ का कोई अधिकार या अधिकार- क्षेत्र, जो उस अधिनियमको कार्यान्वित करनेके उद्देश्यसे दिया गया हो, प्रभावित या कम न होगा, बल्कि उक्त अध्यादेश उस अधिनयमके सब उद्देश्योंकी पूर्तिके निमित्त पूरी शक्ति और प्रभावसे लागू समझा जायेगा।

२. इस अधिनियम और उसके अन्तर्गत बनाये गये किसी विनियममें, जबतक वह सन्दर्भसे असंगत न हो; "निषिद्ध प्रवासी" से वह व्यक्ति समझा जायेगा और उसके अन्तर्गत वह व्यक्ति आयेगा जो इस अधिनियम के लागू होनेकी तारीखके बाद इस उपनिवेशमें प्रवेशका इच्छुक हो और निम्न वर्गोंमें से किसी भी वर्गका हो:

(१) कोई व्यक्ति, जो इस उपनिवेशमें या बाहर उचित रूपसे सत्ता प्राप्त अधिकारीकी माँगपर अपर्याप्त शिक्षाके कारण [ बोलनेपर या अन्यथा ] किसी यूरोपीय भाषाके अक्षरोंमें इस उपनिवेशमें प्रवेशकी अनुमतिके लिए प्रार्थनापत्र या ऐसा कागज, जिसे लिखनेके लिए वह अधिकारी कहे, न लिख सकेगा और उसपर हस्ताक्षर न कर सकेगा; व्यवस्था की जाती है कि इस उप-खण्डके प्रयोजनके लिए यीडिश यूरोपीय भाषा स्वीकार की जायेगी;

(४) कोई व्यक्ति, जिसपर इस उपनिवेशमें प्रवेश या प्रवेशका प्रयत्न करनेके दिन उस तारीखको प्रचलित किसी कानूनकी ऐसी धाराएँ लागू होती हों या यदि वह इस उपनिवेशमें प्रवेश करे तो लागू हों, जिनके अन्तर्गत, यदि वह उपनिवेशमें मिले तो उस तारीखको या उसके बाद उसे इस उपनिवेशसे निकाला जा सकता हो या उसको उस कानूनके विरुद्ध अपराधके दण्डस्वरूप या उसकी धाराओंका पालन न करनेपर या अन्यथा उसकी धाराओं के अनुसार उपनिवेशले चले जानेकी आज्ञा दी जा सकती हो, शर्त यह है कि उस व्यक्तिको वह दण्ड इस उपनिवेश से बाहर किये गये अपराधपर न दिया गया हो या वह ऐसा अपराध न हो जिसके लिए उसको माफी दी जा चुकी हो;

(८) कोई व्यक्ति, जिसके सम्बन्धमें मन्त्री उचित आधारपर विश्वास करता हो कि वह उपनिवेशमें प्रविष्ट हुआ तो उपनिवेशकी शान्ति, व्यवस्था और उसके सुशासनके लिए खतरनाक होगा; किन्तु इस व्यवस्थामें निम्न व्यक्ति समाविष्ट न होंगे:

(ङ) किसी ऐसे व्यक्तिका, जो "निषिद्ध प्रवासी" नहीं है, स्त्री या उसका अवयस्क बच्चा;