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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

अधिकारोंके अधिग्रहणके लिए प्रधान या कबीलाको देय रकमें या अन्य शुल्क (यदि कोई हों) और खानके पट्टों या भूमिपर अन्य अधिकारोंके समय-समयपर प्राप्त होनेवाले धनका आधा वतनी-विभागके मन्त्रीको दिया जायेगा, जो उन रकमको प्रधान या कबीलेके लिए न्यासके तौरपर रखेगा और ऐसे कामोंमें व्यय करेगा जिनको वे चाहेंगे; परन्तु इसमें राज्यपालकी स्वीकृति आवश्यक होगी।

खण्ड १०४. "कच्ची मूल्यवान धातु" में वह मूल्यवान धातु, जो चाहे गलाई गई हो परन्तु निर्मित न हुई हो या उससे व्यापारकी कोई वस्तु न बनाई गई हो, शामिल समझी जायेगी और उसमें पारा मिली धातु, चिकनी मिट्टी और बिना साफ की हुई मूल्यवान धातुकी खुरचन शामिल मानी जायेगी।

खण्ड ११३. कोई व्यक्ति, जो किसी रंगदार व्यक्तिसे कोई फच्ची मूल्यवान धातु खरीदेगा, बदलेगा, बन्धकमें रखेगा या दानमें प्राप्त करेगा, वह अपराधका भागी होगा और सजा सुनाये जानेपर जुर्मानेका, जो एक हजार पौंडसे अधिक न होगा, या जुर्मानेके विकल्पके बिना जेलकी सजाका, जो पाँच वर्षसे अधिककी न होगी, या ऐसे जुर्माने और सजा, दोनोंका भागी होगा।

खण्ड ११४. कोई रंगदार व्यक्ति जो कोई कच्ची मूल्यवान धातु बेचेगा, बदलेगा, बन्धक देगा या अन्य प्रकारसे निबटायेगा या जो खरीदेगा, बदलेमें प्राप्त करेगा, बन्धक रखेगा, या कोई कच्ची मूल्यवान धातु अपने पास रखेगा, अपराधका भागी होगा और सजा सुनाई जानेपर जेलकी सजाका, जो पाँच वर्षसे अधिक न होगी, भागी होगा; परन्तु इस खण्डकी कोई बात किसी ऐसे रंगदार व्यक्तिपर लागू न होगी जो किसी ऐसे व्यक्ति के साथ किया हुआ नौकरीका करार पूरा करनेमें कच्ची मूल्यवान धातुकी सार-सम्भाल करता हो, जो खण्ड १०५ के उपखण्ड (१) के अन्तर्गत इस धारासे मुक्त हो।

खण्ड १२२. जब कभी सरकार सार्वजनिक हितमें उचित समझेगी, तब सरकारी 'गज़ट' में विज्ञप्तिके द्वारा किसी भूमिको, जो उद्घोषित भूमिसे मिली हुई, उससे घिरी हुई या उसके पड़ोसमें स्थित हो, उद्घोषित क्षेत्रका भाग घोषित कर देगी।

खण्ड १२७. (१) इस अधिनियमके अन्तर्गत, खण्ड २४में की गई व्यवस्थाको छोड़कर, किसी रंगदार व्यक्ति द्वारा कोई अधिकार अर्जित नहीं किया जा सकता। और १८९८ के कानून १५ या किसी पहलेके कानून या इस अधिनियमके अन्तर्गत अधिकार रखनेवाला कोई व्यक्ति किसी रंगदार व्यक्तिको ऐसे अधिकारका कोई भाग हस्तान्तरित नहीं करेगा या अपने बाद दूसरेको किरायेपर नहीं देगा या हस्तान्तरित किये जाने या आगे किराये पर दिये जाने की अनुमति नहीं देगा और न किसी रंगदार व्यक्तिको (अपने वैध नौकरके अतिरिक्त किसी औरको) ऐसे अधिकार के अन्तर्गत प्राप्त भूमिपर बसने या अधिकार करनेकी अनुमति देगा।

(२) कोई व्यक्ति, जो इस खण्डका उल्लंघन करेगा वह अपराधका भागी होगा और दोष सिद्ध होनेपर उसे जुर्मानेका दण्ड दिया जायेगा जो ५० पौंडसे ज्यादा न होगा; और यदि उसने उल्लंघन जारी रखा तो उसे उल्लंघन जारी रखनेके दिनोंके लिए जुर्माना किया जायेगा जो प्रतिदिनके लिए ५ पौंडसे अधिक न होगा।

खण्ड १२८. (१) किसी रंगदार व्यक्तिको बाजारों, बस्तियों, खानके अहातों और ऐसे अन्य स्थानोंके अतिरिक्त, जिनके लिए खनि-आयुक्त अनुमति दे, वर्ग 'फ' में शामिल जिलोंके उद्घोषित क्षेत्रोंमें बसने की अनुमति नहीं दी जायेगी।

(२) किसी रंगदार व्यक्तिको, जो इस खण्डका उल्लंघन करेगा, दोष सिद्ध होनेपर जेलकी सजा दी जायेगी, जो एक महीनेसे अधिककी नहीं होगी; और ऐसा दोष सिद्ध होनेपर खान-आयुक्त ऐसे रंगदार व्यक्तिके रहने या उसके इस्तेमालके लिए बनाये गये किसी मकानको हटवा सकता है।

(३) इस खण्डकी कोई बात किन्हीं ऐसे रंगदार व्यक्तियोंपर लागू न होगी जो किसी श्वेत व्यक्तिके नौकर होंगे बशर्ते कि वे उन अहातोंमें रहते हों, जहाँ वे काम करते हैं।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ४-४-१९०८