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परिशिष्ट ९

आम सभामें पास हुए प्रस्ताव

[ जोहानिसबर्ग
अगस्त १६, १९०८ ]

प्रस्ताव १

ब्रिटिश भारतीयोंकी यह आम सभा एशियाई स्वेच्छया पंजीयन वैधीकरण विधेयकका, जो कि इस समय ट्रान्सवालकी संसदके समक्ष उपस्थित है, विरोध करती है और ब्रिटिश भारतीय संघकी ओरसे सम्मान्य विधान सभाको दिये गये प्रार्थनापत्रके साथ अपनी सहमति प्रकट करती है।

प्रस्तावक: श्री दाउद मुहम्मद, (अध्यक्ष, नेटाल भारतीय कांग्रेस)।
समर्थक: श्री आदम एच० गुल मुहम्मद; (अध्यक्ष, ब्रिटिश भारतीय लीग, केपटाउन)।
अनुमोदक: श्री पारसी रुस्तमजी, (उपाध्यक्ष, नेटाल भारतीय कांग्रेस)। और श्री एम० वी० चेट्टियार, सभापति, तमिल हितकारी समिति (तमिल वेनिफिट सोसायटी)।

प्रस्ताव २

ब्रिटिश भारतीयोंकी यह आम सभा ब्रिटिश भारतीय समाजके इस संकल्पकी सच्चे मनसे, गम्भीरतापूर्वक और प्रार्थनापूर्वक पुनः पुष्टि करती है कि एशियाई अधिनियमके सामने, जिसे भारतीय समाज धर्म और अपनी अन्तरात्मा के विरुद्ध मानता है, सिर न झुकाया जाये।

प्रस्तावक: श्री इमाम अब्दुल कादिर बावजीर, (अध्यक्ष, हमीदिया इस्लामिया अंजुमन)।
समर्थक: श्री टी० नायडू और मौलवी अहमद मुखत्यार, तथा
अनुमोदक: सर्वश्री इब्राहीम अस्वात, दिलदार खाँ, ई० एम० काछलिया, आर० के० पडियाची(प्रिटोरिया), वी० चेट्टी, पी० के० नायडू, एम० पी० फैन्सी

प्रस्ताव ३

ब्रिटिश भारतीयोंकी इस आम सभाका मत है कि पूर्वोक्त एशियाई स्वेच्छया पंजीयन वैधीकरण विधेयक उस समझौतेका भंग है, जो सरकारने एशियाई जन-समुदायोंके साथ किया था। यह सभा आशा करती है कि उपनिवेशी उन शर्तोंके भद्रोचित पालनकी माँग करेंगे जिन्हें कि उपनिवेशकी सरकारकी ओरसे और उपनिवेशियोंके नामपर जनरल स्मट्सने स्वीकार किया था।

प्रस्तावक: श्री अब्दुल रहमान-पोंचेफस्ट्रम
समर्थक: श्री ई० एम० पटेल-वेरीनिगिंग
अनुमोदक: सर्वश्री आर० एस० चोकलिंगम् पिल्ले, हरिशंकर जोशी ( डर्बन ), श्री छोटाभाई,( क्रूगर्सडॉर्प ) और श्री अहमद सुलेमान खोटा ( हाइडेलबर्ग )

प्रस्ताव ४

ब्रिटिश भारतयोंकी यह आम सभा अध्यक्षको अधिकार देती है कि वे इन प्रस्तावोंकी नकल जहाँ-जहाँ भेजना चाहिए वहाँ वहाँ भेज दें।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २२-४-१९०८