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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मई ९ के पहले: राष्ट्रीय सम्मेलन ( नेशनल कन्वेंशन ) के आयोजनसे पूर्व एक अन्तर-उपनिवेशीय सम्मेलन, अन्तर-प्रान्तीय रेलवे और चुंगीसे सम्बन्धित बातोंकी चर्चा करनेके लिए प्रिटोरियामें हुआ, किन्तु उसमें केवल जनरल स्मट्स द्वारा पेश और सब उपनिवेशोंको मिलाकर दक्षिण आफ्रिका-संघके तत्काल निर्माणको पद्धति निर्धारित करनेवाले ६ प्रस्ताव पास किये गये। बैठकें एक सप्ताहसे कम चलीं।

मई ९: एशियाइयों द्वारा स्वेच्छासे पंजीयन करानेकी अन्तिम तिथि; ८,७०० प्रार्थनापत्र प्राप्त और ६,००० स्वीकृत।

मई १२: चैमनेने तार देकर सूचित किया कि उपनिवेशमें मई ९ के बाद आनेवाले सभी एशियाइयों को ट्रान्सवाल एशियाई पंजीयन अधिनियमके अन्तर्गत पंजीयन कराना चाहिए। गांधीजीने स्मट्सको लिखा कि समझौतेमें ऐसी कोई शर्त नहीं थी; इस भ्रमका निराकरण किया जाये।

मई १३: ट्रान्सवाल नगरपालिका (एकीकरण) विधेयक सरकारी गजटमें प्रकाशित हुआ। विधेयकके द्वारा नगरपालिकाओंको व्यापारियोंसे स्वयं सुलझ सकनेका अधिकार दिया जानेवाला था। उसके द्वारा अनुमतिपत्रों से सम्बन्धित प्रशासकीय निर्णयोंके विरुद्ध फेरीवालोंका न्यायालयमें अपील करनेका अधिकार भी ले लिया जानेवाला था।

मई १४: गांधीजीने कार्टराइटको लिखा कि सम्भव है मध्यस्थताके लिए उनकी सेवाएँ आवश्यक हों।

लेनको लिखा कि समझौतेमें दी गई तीन महीनेकी अवधिका यह मंशा कभी नहीं था कि वह उपनिवेशमें वापस आनेवाले या वापस आनेका अधिकार रखनेवाले एशियाइयोंपर लागू की जाये। जनरल स्मट्ससे आग्रह किया कि नवागन्तुकोंको स्वेच्छया पंजीयन कराने दिया जाये और अधिनियम रद कर दिया जाये।

मई १५ के पहले: श्रम उपमन्त्री मेकैंजी किंगने, जो साम्राज्यीय सरकारसे भारतीय प्रवासियोंके विषयमें बातचीत करके २६ अप्रैलको कैनडा लौट आये थे, कैनडाकी संसदमें कहा कि इस प्रश्नको हल करनेके लिए "भारत अथवा कैनेडामें किसी प्रकारके कानून बनानेकी आवश्यकता" नहीं है।

मई १५: लेनने गांधीजीको लिखा कि उपनिवेश-सचिव पूर्व-निर्णयोंसे नहीं टल सकते।

मई १६ के पहले: गांधीजी कार्टराइटसे मिले, स्मट्ससे भेंट करनेका निर्णय हुआ। 'नेटाल मर्क्युरी', 'टाइम्स ऑफ नेटाल', 'स्टार' और 'लीडर' ने नेटाल विधेयकोंकी निन्दा की।

मई १६: 'स्टार' को भेंट देते हुए गांधीजीने गिरमिटिया प्रवासपर प्रतिबन्ध लगानेके उद्देश्यसे निर्मित नेटाल विधेयकका स्वागत किया। अन्य दो विधेयकोंको बुरा बताया।

जब जनरल स्मट्सने समझौतेमें दिये गये तीन महीनेकी अवधिके बाद प्रवेश करनेवाले अधिवास अधिकारी एशियाइयोंको स्वेच्छया पंजीयन करानेकी सुविधा देनेसे इनकार किया तब गांधीजीने अपने साप्ताहिक संवाद-पत्रमें जनरल स्मट्सपर दगा देनेका आरोप