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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कौम हाथी है। हाथी पैर मोड़कर जमकर बैठा है। श्री स्मट्स उसकी पीठसे सड़कका बेलन (स्टीम रोलर) लगा रहे हैं। हाथी बोल उठता है "देख लिया अब तेरा बल; गुदगुदी करना रहने दे।" सार यह कि हाथी जो जमकर बैठा है वह सड़कके बेलनसे उठनेवाला नहीं है। इस चित्रकी बदौलत हमारी बातका खूब प्रचार हो रहा है और जनरल स्मट्सकी हँसी उड़ रही है।

'डेली मेल का व्यंग्य-चित्र '

'डेली मेल' के व्यंग चित्रमें श्री गांधीको आत्मबलिदान देनेवाले पादरीका वेश पहनाया गया है[१] । उन्हें एक मोटे खम्भे से बाँध रखा है। उनके आसपास घासके पूले हैं। उन पूलोंके ऊपर तेलके तीन कनस्तर हैं। जिनपर लिखा है--परिमिटका कानून, एशियाई पंजीयन कानून, और प्रवासी कानून। इन तीनों पीपोंमें से पूलोंपर तेल गिर रहा है। श्री स्मट्सके हाथमें जलती हुई मशाल है। उनकी पोशाकमें से ढकी हुई तलवारकी नोक झलक रही है। संत गांधी कहते हैं---आपका मुख तो भयंकर दीखता है। अब बहुत देर हुई। क्यों नहीं लगाते? जल्दी करें, ताकि निबटारा हो।" लेकिन जनरल स्मट्सने पीठ फेर रखी है, और सुलगानेका साहस नहीं हो रहा है।

पॉचेफ्स्ट्रूमके भारतीय

पॉचेफ्स्ट्रूमके भारतीयोंपर भयभीत होनेकी तोहमत लगाई जा रही है। उसका उत्तर उन्होंने 'स्टार' में दिया है कि उनके सभी लोग पक्के हैं। सिर्फ कुछ मेमन लोगोंने ही मुँह काला किया है। फिर, मन्त्री श्री अब्दुर्रहमानपर पंजीयन करानेका आरोप लगा था। उसके जवाबमें उन्होंने पत्र लिखा है कि उन्होंने पंजीयन नहीं कराया है और अगर कोई साबित कर दे कि कराया है तो वे खुद ५० पौंड इनाम देने को तैयार हैं।

रविवारको सभा

पिछले रविवारको मसजिदके सामने फिर सभा हुई थी। उसमें बहुतसे भाषण हुए और सभाने परवानोंके बिना दूकानें खुली रखने और फेरी करनेका निर्णय किया। इस समय तो जोश बहुत देखनेमें आ रहा है।

[ट्रान्सवाल] 'लीडर' की आलोचना

जनरल स्मट्सके भाषणपर आलोचना करते हुए 'ट्रान्सवाल लीडर' लिखता है कि: जनरल स्मट्सके पहले भाषणोंकी अपेक्षा उनका यह पिछला भाषण अधिक समझदारीका दीखता है। उनका रुख क्यों बदला, उन्होंने इसके कारणोंका संकेत किया है। विरोध-पक्षके सदस्योंको वे इस काममें शामिल करना चाहते हैं या नहीं, यह बात भी साथमें कह दी होती तो अच्छा होता। वे लोग परिवर्तन करनेके विरुद्ध नहीं हैं, ऐसा कहने का सरकारका इरादा हो तो यह आश्वासन प्रकट रूपमें दे देना चाहिए। ५,००० एशियाई आये हैं, यह बात यदि सरकारी अफसर निश्चित रूपमें बता सकते हैं तो वे किस रास्ते आते हैं और कौन हैं, यह सरकार नहीं बता सकती, यह अचरजकी बात है। जेलमें डालनेकी चर्चाको श्री स्मट्सने समय खोनेके समान बताकर

  1. देखिए चित्र, पृष्ठ ३३ के सामने।