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तार : द० आ० क्रि० भा० समितिको

उठायेंगे वह सभीके लिए है, ऐसा मानकर आनेवाली आफतोंका स्वागत करते हुए मैं उन्हें स्वीकार करूँगा । जो हिम्मतके साथ सत्यपर विश्वास रखकर सत्याग्रहका अवलम्ब लिये रहता है, वह विजयी होता है ।

मैं इस सत्याग्रहीको बधाई देता हूँ और आशा करता हूँ कि वह अन्ततक अपने आग्रह- पर डटा रहेगा ।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, ३-१०-१९०८

४८: तार : द० आ० ब्रि० भा० समितिको

जोहानिसबर्ग
अक्तूबर ३, १९०८

दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समिति
[१] [ लन्दन ]

अट्ठावन भारतीयोंपर कोमाटीपूर्टमें मुकदमा चलाया गया है । उपनिवेशके बाहरसे नये कानूनके अन्तर्गत अर्जी दिये बिना उपनिवेश में नये कानून के साथ मिलाकर प्रवासी कानून भी लागू । सबके पास शान्ति- रक्षा अनुमतिपत्र,[२] मिलनर पंजीयनपत्र (मिलनर रजिस्ट्रेशन) या अन्य प्रवेश अधिकारपत्र मौजूद। सभी लम्बे अर्सेसे ट्रान्सवालके अधिवासी । भारत यात्रासे अभी-अभी लौटे । दो मासके कारावास या २५ पौंड जुर्मानेकी सजा । अलावा, नामंसूख एशियाई कानूनमें प्रवेशके बाद आठ दिनके भीतर पंजीयनकी अर्जी देनेका अधिकार होनेपर भी निर्वासन आदेश । सत्रह नाबालिग, औसत उम्र ग्यारह वर्ष, उपर्युक्त के बच्चे रोक दिये गये । समाज क्षुब्ध । पुराने अधिवासियों, उनके बच्चोंके साथ निषिद्ध प्रवासियों-जैसा व्यवहार| बहुत बड़े हित खतरे में| लोगोंका निर्वासन न होना चाहिए । समाज पुराने कानून को रद करने कठिनतम प्रशासनिक परीक्षाके अन्तर्गत सुसंस्कृत भारतीयों के प्रवेश की व्यवस्था करवाने पर पर दृढ़ । अत्यधिक कष्टककी आशंका ।

मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]
कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्स : २९१/१३२; गवर्न रकी दफ्तरी फाइल : १८/१/१९०८- भाग ३ और १०-१०-१९०८ के 'इंडियन ओपिनियन' से ।
  1. साउथ आफ्रिका ब्रिटिश इंडियन कमिटी ।
  2. पीस प्रिज़र्वेशन परमिट ।