पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/१४१

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६३. सन्देशः भारतीयोंको

[१]

[ फोक्सरस्ट
अक्तूबर १४, १९०८]

अन्तत दृढ़ रहें । संकट झेलना ही हमारा उपाय है । और इतना करनेके बाद हम जीते हुए ही हैं ।

[ अंग्रेजी से ]
इंडियन ओपिनियन, २४-१०-१९०८

६४. तार : उपनिवेश-मन्त्रीको

[२]

फोक्सरस्ट
नवम्बर ७, १९०८

सेवामें

उपनिवेश-मंत्री

[ लन्दन ]

फोक्स रस्ट के पचहत्तर ब्रिटिश नेटाल भारतीय कांग्रेसके अध्यक्ष उपाध्यक्ष और मन्त्री हमीदिया इस्लामिया अंजुमनके अध्यक्ष [ और ] ब्रिटिश भारतीय संघ मन्त्री शामिल हैं परम कृपालु महामहिम राजराजेश्वरकी सेवामें निष्ठापूर्वक बधाइयाँ भेजते हैं और वे जिन हालतोंमें जेल काट रहे हैं उनकी ओर समादरपूर्वक ध्यान आकर्षित करते हैं ।

फोक्सरस्टके ब्रिटिश भारतीय कैदी

[ अंग्रेजी से ]
कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्स : २९१/१३२
 
  1. इसे गांधीजीने “फोक्सरस्टमें अपनी जेल यात्रा से पहले अन्तिम सन्देश " के रूपमें भेजा था । इसपर इंडियन ओपिनियन में " दृढ़ रहो" शीर्षक से सम्पादकीय लेख लिखा गया था । यह सन्देश, जो गुजराती विभागमें भी प्रकाशित हुआ था, १८ अक्तूबरको जोहानिसबर्ग में एक बड़ी सार्वजनिक सभामें पढ़ा गया था ।
  2. यह तार भारत-मन्त्रीकी मार्फत सप्तम एडवर्डको उनकी ५७ वीं जन्मतिथिपर, जो नवम्बर ९ को पड़ती थी, भेजा गया था । अनुमानत: इसका मसविदा गांधीजीने बनाया था; वे उस समय फोक्सरस्ट जेलमें बन्दी थे । रायटरने भी ऐसा ही एक सन्देश जोहानिसबर्ग कारागारके " अन्तःकरणके आदेशपर आपत्ति करनेवाले बन्दियोंकी ओरसे ९ नवम्बरको तार द्वारा भेजा था ।