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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


३. हालमें हुई भारतीयोंकी ज्यादातर सभाओंमें सरकारी गुप्तचर मौजूद रहे हैं।

४. सार्वजनिक सभामें प्रतिनिधियोंके जो नाम पेश किये जानेवाले थे, वे १५ जूनके 'ट्रान्सवाल लीडर' में प्रकाशित किये गये थे।

५. इनमेंसे संघके अध्यक्ष श्री अहमद मुहम्मद काछलिया, संघके कार्यवाहक अध्यक्ष श्री इब्राहीम सालेजी कुवाड़िया, तमिल बेनिफिट सोसाइटीके अध्यक्ष श्री एस॰ एस॰ चेट्टियार और श्री नादिरशा कामा, अन्य प्रमुख भारतीयोंके सहित, एशियाई पंजीयन अधिनियम (एशियाटिक रजिस्ट्रेशन ऐक्ट) का पालन न करनेपर १५ और १६ जूनको गिरफ्तार कर लिये गये।

६. सर्वश्री काछलिया और चेट्टियारको सभा होनेके दिन और सभाके घोषित समयसे पहले ही, ५० पौंड जुर्माना न देनेपर तीन मासका सपरिश्रम कारावास दे दिया गया।

७. सार्वजनिक सभा फिर भी हुई। उसमें तीन प्रस्ताव पेश किये गये, जो स्वीकार हो गये। सभामें उपस्थित १,५०० लोगोंमें से ६ ने मतभेद प्रकट किया। प्रस्ताव ये हैं :[१]

[एक] ट्रान्सवाल ब्रिटिश भारतीय संघकी समितिने श्री अ॰ मु॰ काछलिया, श्री हाजी हबीब, श्री वी॰ ए॰ चेट्टियार तथा श्री मो॰ क॰ गांधीको इंग्लैंड जाकर अधिकारियों तथा ब्रिटिश जनताके सामने वर्तमान एशियाई संघर्ष-सम्बन्धी सच्ची स्थितिको रखने और भावी दक्षिण आफ्रिका संघके सम्बन्धमें ब्रिटिश भारतीयोंका दृष्टिकोण पेश करनेके लिए शिष्टमण्डलके रूपमें नियुक्त किया है। ट्रान्सवालवासी ब्रिटिश भारतीयोंकी यह सभा इस प्रस्ताव द्वारा इन नियुक्तियोंकी पुष्टि करती है।
[दो] ब्रिटिश भारतीयोंकी यह सार्वजनिक सभा इस प्रस्ताव द्वारा सर्वश्री ए॰ कामा, एन॰ गोपाल नायडू, ई॰ एम॰ कुवाड़िया और एच॰ एस॰ एल॰ पोलकको भारत जाने और भारतीय अधिकारियों तथा जनताके सामने ट्रान्सवालके वर्तमान एशियाई संघर्षकी सच्ची स्थिति पेश करनेके लिए एक शिष्टमण्डलके रूप में चुनती है।
[तीन] यह सभा सर्वश्री काछलिया, कुवाड़िया, कामा और चेट्टियारकी आकस्मिक और अवांछनीय गिरफ्तारीपर सम्मानपूर्वक विरोध प्रकट करती है। सरकार अच्छी तरह जानती थी कि इससे पहलेके प्रस्तावोंमें उल्लिखित शिष्टमण्डलोंके सदस्य नियुक्त किये गये थे, या किये जानेवाले थे। यह सभा सरकारसे अनुरोध करती है कि वह उनको, वापसीकी ऐसी जमानत लेकर जो उसे मंजूर हो, इस शर्तपर रिहा कर दे कि वे अपना काम पूरा करनेपर अदालत द्वारा दी गई सजा भोग लेंगे।

८. प्रस्तावोंका सारांश तारसे सरकारको भेज दिया गया था। उत्तरमें सरकारने कहा, उसने जब ऊपर बताई गई गिरफ्तारियोंकी हिदायतें जारी कीं तब उसे यह जानकारी न थी कि गिरफ्तार किये जानेवाले भारतीयोंकी सूचीमें शामिल प्रतिनिधि आम सभा द्वारा चुन लिये जायेंगे।

९. किन्तु, सार्वजनिक सभा द्वारा रस्मी चुनावके बाद भी, और पिछले १७ जूनको, भारत जानेवाले एक प्रतिनिधि श्री गोपाल नायडू कई अन्य तमिल भारतीयोंके साथ गिरफ्तार कर लिये गये। इस प्रकार सात भारतीय प्रतिनिधियोंमें से (आठवें श्री पोलक तो अंग्रेज हैं)

  1. देखिए "प्रस्ताव: सार्वजनिक सभा", पृष्ठ २५४।