पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/४०

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४. भारत के राष्ट्रपितामहका जन्मदिन[१]

हमें समस्त भारत और उपनिवेशोंमें रहनेवाले अपने भाइयोंके साथ श्री दादाभाई नौरोजीका जन्मदिवस मनानेका गौरव एक बार फिर प्राप्त हुआ । दादाभाई नौरोजी समकालीन भारतीयोंमें सबसे महान् हैं । कल[२]उन्होंने अपने ८४ वें वर्ष में कदम रखा है । उन्होंने अपना कर्मठ जीवन अपने प्यारे देश और देशवासियोंकी सेवामें व्यतीत किया है । अब वे वृद्ध देशभक्त अवकाश ग्रहण कर भारत में शान्तिपूर्वक रह रहे हैं । अपनी श्रेष्ठ सेवाओंके कारण उन्हें इस विश्रामका अधिकार भी है । यह याद करके कि श्री दादाभाईने अपना लगभग सारा जीवन अपने देशवासियोंके अधिकारों और स्वतन्त्रताके लिए लड़ने में बिताया है, दक्षिण आफ्रिकाके भारतीय, विशेषतः ट्रान्सवालवासी भारतीय, अपने संघर्ष के लिए साहस प्राप्त कर सकते हैं । इसलिए हम, दक्षिण आफ्रिकावासी भारतीय, उनको सबसे बड़ा मान यही दे सकते हैं कि उनका अनुसरण करें और सम्राट्के प्रत्येक प्रजाजनको जिस पूर्ण स्वतन्त्रताका अधिकार है, उसे जबतक अपने लिए और आनेवाली पीढ़ियोंके लिए प्राप्त न कर लें, तबतक संघर्ष से कभी विचलित न हों ।

[ अंग्रेजी से ]
इंडियन ओपिनियन, ५-९-१९०८

५. दादाभाईको जयन्ती

कल भारत के पितामह दादाभाई नौरोजी की जयन्ती थी। उन्होंने ८४ वें वर्ष में प्रवेश किया है। भारतमें उनकी जयन्ती सर्वत्र सार्वजनिक उत्सवके रूपमें मनाई जाती है। वहाँकी समस्त सार्वजनिक संस्थाएँ अत्यन्त उत्साहपूर्ण समारोह करती हैं और उनको उनके दीर्घ जीवनके लिए शुभकामनाएँ भेजती हैं । दक्षिण आफ्रिका [ के भारतीयों ] की सार्वजनिक संस्थाओंकी ओरसे जो सन्देश भेजे गये हैं, उनका विवरण हम अन्यत्र दे रहे हैं । उन्होंने ये सन्देश भेजकर [ मात्र ] अपने कर्तव्यका पालन किया है। हम उनके दीर्घ जीवनकी कामना करते हैं और संसारके सिरजनहारसे प्रार्थना करते हैं कि वह हमें और इस पत्र से जिनका सम्बन्ध है, उन सबको उनके समान शुद्ध हृदय दे । हम अपने पाठकोंको परामश देते हैं कि वे उनके देश प्रेमका अनुकरण करें; यही इन सच्चे पितामहका सच्चा स्मरण है । ट्रान्सवालके भारतीयोंको यह याद रखना है कि इन अमर पितामहने हमारे लिए जैसी टेक रखी है वैसी टेक वे स्वयं भी रखें । इस समय दक्षिण आफ्रिकामें हमारी लड़ाई ऐसी है कि उसमें भाग लेनेके लिए

  1. १. देखिए अगला शीर्षक भी।
  2. २. सितम्बर ४ को ।