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२४१. पत्र: लॉर्ड क्रू के निजी सचिवको

[लन्दन],
सितम्बर २, १९०९

महोदय,

मैं अर्ल ऑफ क्रू का ध्यान चीनी संघ (चाइनीज असोसिएशन) से प्राप्त निम्न तारकी ओर आकर्षित करता हूँ:

रायटरकी स्मट्ससे भेंटकी रिपोर्टमें एशियाई प्रश्नके तय होनेका संकेत। ऐसा है तो चीनियोंकी गिरफ्तारियाँ क्यों जारी? सप्ताह में सत्ताईस।

ऊपरके तारमें बताई हुई रायटरकी खबरकी नकल मुझे नहीं मिली है और मैं नहीं जानता कि ट्रान्सवालके कठिन एशियाई प्रश्नपर समझौता होनेका जो संकेत दिया गया है उसमें सचाई क्या है। श्री हाजी हबीब और मैं इस मामलेमें लॉर्ड महोदयके पत्रकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।

मैं यह भी कह दूँ कि भारतीयोंकी भी गिरफ्तारियाँ जारी हैं।

आपका, आदि,
मो॰ क॰ गांधी

कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्स: २९१/१४२ से; टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५०४१) से भी।

२४२. पत्र: लॉर्ड ऍम्टहिलको

[लन्दन]
सितम्बर २, १९०९

लॉर्ड महोदय,

चीनी संघसे नीचे दिया गया तार प्राप्त हुआ है:

रायटरकी स्मट्ससे भेंटकी रिपोर्टमें एशियाई प्रश्नके तय होनेका संकेत। ऐसा है तो चीनियोंकी गिरफ्तारियों क्यों जारी? सप्ताहमें सत्ताईस।

मैं इतना और कहना चाहता हूँ कि इसी तरह बहुत-से भारतीय भी गिरफ्तार किये गये हैं। ट्रान्सवालमें भारतीयों और चीनियोंके विरुद्ध किये गये इस जिहादका व्यक्तिगत रूपसे मैं स्वागत करता हूँ। इससे उनके साहसकी कसौटी होती है, और सरकार तथा अनाक्रामक प्रतिरोधी दोनोंको अनाक्रामक प्रतिरोधकी शक्तिको मापनेका अवसर मिलता है। मैंने जोहानिसबर्गके ब्रिटिश भारतीय संघको अभीतक यह खबर नहीं दी है कि रायटरका विवरण भ्रामक हो सकता है, और सम्भव है, अन्तमें कोई समझौता ही न हो।