4009 ७. प्रार्थनापत्र : उपनिवेश-मन्त्रीको ' 4009 ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीय संघका प्रार्थनापत्र सेवामें परममाननीय उपनिवेश मन्त्री लन्दन E (4009 जोहानिसबर्ग सितम्बर ९, १९०८ नम्र निवेदन है कि प्रारम्भिक १. ब्रिटिश भारतीय संघ पिछले दो वर्षोंसे ट्रान्सवालमें चालू ब्रिटिश भारतीय संघर्षके सम्बन्ध में, विशेषतः तारीख २ के ट्रान्सवाल 'गजट'में प्रकाशित एशियाई पंजीयन संशोधन अधिनियमके सम्बन्धमें, सम्राट्की सरकारसे प्रार्थना करता है । २. संच ट्रान्सवालमें रहनेवाले ब्रिटिश भारतीयोंका प्रतिनिधित्व करता है । ३. जैसा कि महामहिमको सरकारको भली भाँति ज्ञात है, पिछले वर्ष ट्रान्सवाल विधान- मण्डल द्वारा जो एशियाई कानून संशोधन अधिनियम ( एशियाटिक लॉ अमेंडमेंट एक्ट ) पास किया गया है उससे ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीयोंको बहुत कष्ट पहुँचा है, और आर्थिक हानि हुई है तथा ३५० से अधिक भारतीयोंको, जिन्होंने अपनी अन्तरात्माके हेतु कारावासका कष्ट सहा है, जेल जाना पड़ा है। कानून बनानेमें उतावली ४. जो कानून अभी 'गज़ट' में प्रकाशित किया गया है, उसका विधेयक (बिल) के रूपमें पहला वाचन २० अगस्तको हुआ था, और २१ अगस्तको ही वह विधानसभा और विधान- परिषद, दोनोंमें समस्त अवस्थाओंसे गुजरकर पार हो गया। विधेयक 'गज़ट' में कभी प्रकाशित नहीं किया गया और प्रार्थी संघ जिस समाजका प्रतिनिधित्व करता है, उसको तो वह अधि- नियमके रूपमें प्रकाशित होनेके बाद ही मिला। विधानसभाके एक सदस्यके सौजन्यसे कुछ भारतीय तो उसे सब अवस्थाओंसे गुजरने के तुरंत बाद पास होते ही देख सके थे, परन्तु समाजके अन्य लोगोंको इस माहकी २ तारीख तक ट्रान्सवालके समाचारपत्रों में प्रकाशित उसके सारांशसे ही संतोष करना पड़ा । कानून सामान्यतः स्वीकार्य ५. प्रार्थी संघ इसे निःसंकोच भावसे स्वीकार करता है कि जिस कानूनकी चर्चा यहाँ की जा रही है वह १९०७ के एशियाई कानून संशोधन अधिनियम २ से अधिक अच्छा है, यद्यपि म. १. यह १९-९-१९०८ के इंडियन ओपिनियन में “ट्रान्सवालके भारतीयोंका साम्राज्य सरकारको प्रार्थनापत्रः पूरा पाठ" शीर्षकसे प्रकाशित किया गया था । २. ब्रिटिश इंडियन असोसिएशन । ३. एशियाटिक रजिस्ट्रेशन अमेंडमेंट ऐक्ट । ९-२ Gandhi Hetta Portal