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३१४. लन्दन

[अक्तूबर २०, १९०९ के पूर्व]

नेटालका शिष्टमण्डल

फिलहाल तो मुझे इस शिष्टमण्डलके लिए यहाँ कोई काम दिखाई नहीं देता। श्री आंगलिया और श्री हाजी हबीब कुछ समयके लिए पेरिस चले गये हैं। उनके एक-दो दिनोंमें वापस आ जानेकी आशा है।

अली इमाम

श्री अली इमाम यहाँके सभी भारतीयोंसे बराबर मिलते-जुलते रहते हैं। उन्होंने अपनी रवानगीसे पहले बहुत-से भारतीयोंको चायके लिए निमन्त्रित किया था। इसमें काफी भारतीय आये थे। श्री अली इमाम २० तारीखको भारतको रवाना होंगे। उन्होंने वादा किया है कि वहाँ पहुँचकर हमारे काममें पूरी सहायता देंगे। उनको पटनामें सरकारी वकीलका पद दिया गया है।

स्त्रियोंके मताधिकारके लिए आन्दोलन करनेवाली
महिलाओंकी वीरता

मताधिकार माँगनेवाली स्त्रियों—सफेजेट्स—के विरुद्ध मैं सख्तीसे लिख चुका हूँ, और सख्तीसे बोल चुका हूँ; क्योंकि वे शरीर-बलका उपयोग कर रही हैं। लेकिन वे जो वीरता दिखाती हैं और जो कष्ट सहन करती हैं, उसके लिए तो हमें उनके सामने सिर झुकाना ही पड़ेगा। उनमें से कुछ बहुत सुकुमार स्त्रियाँ हाल ही में गिरफ्तार की गई थीं। उन्हें जेलकी सजा दी गई। उन्होंने वहाँ खाना खानेसे बिल्कुल इनकार कर दिया, इसलिए उनमें से जो कमजोर थीं उनको दो-चार दिन भूखा रखकर छोड़ दिया गया। बाकी अभी जेलमें हैं और खाना खानेसे इनकार कर रही हैं। इस कारण उनको गलेमें नली डालकर जबरदस्ती खाना खिलाया जा रहा है।

इन स्त्रियोंने ऐसा आतंक फैला दिया है कि मन्त्रिमण्डलका कोई भी सदस्य सभाओंमें शान्तिपूर्वक भाग नहीं ले सकता। वे जहाँ भी जाते हैं, इन स्त्रियोंकी गुप्तचर उनके पीछे पहुँच जाती हैं और उनको हैरान करती हैं। उनपर पत्थरोंकी वर्षा तक करती हैं। इन मुट्ठी-भर स्त्रियोंने ऐसा आतंक फैला रखा है, मानो कोई बड़ी लड़ाई चल रही हो।

श्री लॉयड जॉर्ज मन्त्रिमण्डलके सदस्य हैं। न्यू कैंसिलमें उनकी एक सभा थी। लेकिन मताधिकारका आन्दोलन करनेवाली स्त्रियोंका इतना डर था कि उन्हें बहुत इन्तजाम करवाना पड़ा। इस सम्बन्धमें 'टाइम्स' ने लिखा है:

श्री लॉयड जॉर्जकी सभामें लोहेकी मजबूत छड़ें, पुलिसके घुड़सवार सिपाही और लोगोंके दल दिखाई देते थे। कुछ ही दिन पहले स्थिति ऐसी थी कि इस तरहकी सभाओंमें लोग बिना टिकट जा सकते थे। शान्ति-रक्षाके लिए पुलिसके एक या दो सिपाही होना काफी हो जाता था। किन्तु मताधिकार माँगनेवाली स्त्रियोंने यह सब स्थिति दी जब मन्त्रिमण्डलके किसी सदस्यको भाषण देना होता