पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६६५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
६२७
तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
मई ३१: मद्रास नगरके भारतीयोंने ब्रिटिश संसदको एक प्रार्थनापत्र भेजकर १९०७ के अधिनियम २ को रद करने और ६ शिक्षित भारतीयोंको प्रवेश करनेका अधिकार देनेकी प्रार्थना की।
जून २: वेस्ट एण्ड हॉलमें आयोजित स्वागत-समारोहमें, और बादमें अस्वात और क्विनकी रिहाईपर आयोजित एक चाय-पार्टीमें गांधीजी बोले।
जून ३: प्रिटोरियाकी नगर-परिषदने रंगदार लोगों द्वारा नगरपालिकाके घुलाई-घरों (वास हाउसेज़) का उपयोग करनेपर लगाये अपने प्रतिबन्ध उठा लिये।
जून ६: गांधीजी ट्रान्सवाल ब्रिटिश भारतीय समझौता समितिको बैठकमें बोले। समितिने उपनिवेश-सचिवको प्रार्थनापत्र भेजनेका निर्णय किया।
जून ७: जर्मिस्टनकी साहित्यिक और वादविवाद समितिमें "सत्याग्रहकी आचार-नीति" विषयपर बोले।
जून ८: ट्रान्सवाल विधानसभामें उपनिवेश-सचिवने जी॰ सी॰ मनिक, संसद सदस्यकी माँगपर सन् १९०९ के दौरान ट्रान्सवालमें एशियाइयोंके प्रवेशका ब्योरा प्रस्तुत किया। प्रचार-कार्यके लिए पोलक केप कालोनी रवाना।
जून ८ के बाद: 'ट्रान्सवाल लीडर' में पत्र लिखकर गांधीजीने माँग की कि मनिकने एशियाइयोंपर अवैध रूपसे ट्रान्सवालमें प्रवेश करनेका जो आरोप लगाया है, उसे वापस लें।
जून १३: ब्रिटिश भारतीय संघकी समितिने इंग्लैंड और भारत जानेवाले शिष्टमण्डलोंके सदस्योंका चुनाव किया।
जून १४: उपनिवेश-सचिवने नेटाल भारतीय कांग्रेसकी यह प्रार्थना अस्वीकृत कर दी कि १९०९ की सरकारी विज्ञप्ति संख्या २०१ के अन्तर्गत भारतीय शिक्षापर जो प्रतिबन्ध लगाया गया है उसे वापस ले लिया जाये।
जून १५: इमाम अब्दुल कादिर बावजीर रिहा किये गये। थम्बी नायडू, जी॰ पी॰ व्यास, एन॰ ए॰ कामा और यू॰ एम॰ शेलत जोहानिसबर्ग में गिरफ्तार कर लिये गये।
प्रिटोरियामें कुछ और तमिल भारतीय गिरफ्तार।
जून १६: गांधीजीने थम्बी नायडू तथा अन्य लोगोंकी पैरवी की।
इंग्लैंड और भारत जानेवाले शिष्टमण्डलोंके सदस्योंका चुनाव करनेके लिए आयोजित जोहानिसबर्गकी आम सभामें भाषण दिया। सभाने अ॰ मु॰ काछलिया, हाजी हबीब, वी॰ ए॰ चेट्टियार और गांधीजीको इंग्लैंडके लिए तथा एन॰ ए॰ कामा, एन॰ जी०॰नायडू, ई॰ एस॰ कुवाड़िया और एच० एस॰ एल॰ पोलकको भारतके लिए प्रतिनिधि चुना। अ॰ मु॰ काछलिया, वी॰ ए॰ चेट्टियार और ई॰ एस० कुवाड़िया गिरफ्तार कर लिये गये। काछलिया और चेट्टियारको ३ महीनेकी कैद या ५० पौंड जुर्मानेकी सजा दी गई। ब्रि॰ भा॰ सं॰ के अध्यक्षने उपनिवेश सचिवको तार देकर प्रार्थना की कि शिष्टमण्डलके सदस्योंकी सजा मुल्तवी कर दी जाये।
जून १७: गोपाल नायडू और भारत जानेवाले तमिलोंके अन्य प्रतिनिधि गिरफ्तार।
केप टाउनकी बीबिया मुस्लिम अंजुमनने ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीय मुसलमानोंके साथ होनेवाले दुर्व्यवहारके विरोधमें प्रस्ताव पास किया।