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पृष्ठ:सरस्वती १६.djvu/४०३

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२४२ . . सरस्वती।। . [मागस -- . ... ... ... • •~-Vivek143India (वार्ता)rrrror.inmarriamarimmmm की पनायठी रेखायें सलते हुए कहा-"सतासि . हाल ही ! पे मैगजी में लिखने का .पप बहुत ही कम है।" रह जायंगे। यह कमी स्कूल-कीपिक सादप-शाक है, हम इससे अधिक इस समय दो परसों में कैसे पूरी सोय ? 1 महीं दे सकते। ऐकिम स्कूल की जैसे. कि तिनी मारी पात मी सरVIE जसे उन्नति ती जायगी से ही पैसे - सलाहकारों की समझ में नहीं करती आपकी वेतन वृद्धि भी होती जाय । पा-"पया ऐसा कोई सटर मे माना। इसको हम प्रतिक्षा करते हैं।स, प्राशा भगरः यह पास है सो मापार में पान कि शिक्षा-प्रचार जैसे पायध काम में पड़ी गलती का काम किया है।" जिसका कि आपके पूर्वज पिना कुछ लिये साइप-"पर, फिर भी, हिमुस्तानियो वाय मा. दिय दो परत ये-माप हमारी सदायसा दित कितने दी पर सरकार के सिम का अनुमोदन पार उसी प्रशंसा । पार भी थोड़ी सी ऊपरी टालमरोल करने के . ६।मला इस प्रदूरदर्शिता की मो याद पा सादव राजा दो गये। जिस हाय-कोठरी हद ! पार, अमानी परमे का जिम ऊपर दी युका उसमें इस समय माशा पाप है।" कैद उल फर ममा रहे हैं। माना उनका एड. पा.-"दिनुस्सानियों पर अपनी मूल पलापन कम करने ही फैलिए बापू ने कहा-"मेरी करने में मासे प्रागे रहनं ६ मीनेर इसमें हसी दोगी।" 'सदा से दी उन वायटर रामा! मांडव-"अच्छे काम की अगर कोई पेयफूफ़ सी जिन भाषा में फेयरी पुस्त। पाये तो उसका कभी खयाल न करना ही टेर गई रामसी भी भर . . पादिए । परमेश्वर उसे कभी माफ न . परषा न करनी चाहिए । मेरी पप में सीस करेगा। पाप मानिर जमा रमिप हम स्कुर पानी को मिस कर स पामत, ता से अापके माय है। ग्राप किसी पार विरोध करमपादिय पारसी Prit .. में पटना पाहिए । पुपमा अपने काम में फी मम में पिरशुम हो मारे . “मग सर!" पाहिप । उमहोय! . यापू-"पत प्रया।" साहप-"पापकी गयी . .साहप--"मैं पापको पास में अपना मित्र ही महाँ, में मैग मापसे मतमेव । देशो मार ..परिक सहकारी भी ममता है। (पुमा मेरी राय में, इनमी म भी भारी '.. . जाने दुर कुरसी पर सदाग मेकर पया जितमी हि प्राय गमभने । को मार्ग परकार भी कमी कभी पेपर तो पद गांधी की मोरी मासी कर जाती है । पि. म. पाम दी . दूर की सा मी मस्सो , मता पापानिपर में पदा-परकार चाहती से इस रिश्य में में समान मा. पria ६ मिटि , मिया भारती, मी मुझे गामी जापान ... मय विषय रशी भाषा में ही पढ़ाये .. पोगा। मामले - • बा । भमा रममे विपापी भी मिली में मौसम