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दौलत की नसें

को तंगी में रखने से राष्ट्रका लाभ होता है। सब बराबर हो जायँ, यह तो हो नहीं सकता, परन्तु अनुचित रूप से लोगों में गरीबी पैदा करने से जनता दुःखी हो जाती है, उसका अपकार होता है। कङ्गाली और मालदारी स्वाभाविक रूप से हो तो राष्ट्र सुखी होता है।


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दौलत की नसें

इस प्रकार किसी विशेष राष्ट्र में रुपये-पैसे का चक्कर शरीर में रक्त-सञ्चार के समान है। तेज़ी के साथ रक्त का सञ्चार होना या तो स्वास्थ्य और व्यायाम का सूचक होता हैं, या लज्जा अथवा ज्वर का। शरीर पर एक प्रकार की लाली स्वास्थ्य सूचित करती है। दूसरे प्रकार की रक्त पित्त रोग का चिह्न है। फिर एक स्थान में ख़ून का जमा हो जाना जिस तरह शरीर को