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दौलत की नसें

खेत बात लिए और अलग-अलग अपने-अपने लिए काम करने लगे। फिर मान लीजिए की कभी ऐसे मौके पर एक आदमी बीमार पड़ गया। ऐसी दशा में वह स्वभावतः तक दूसरे को मदद के लिए बुलावेगा। उसे समय दूसरा कह सकता है कि मैं तुम्हारा इतना काम कर देने को तैयार हूं, पर कर दिया है कि तुम्हें आवश्यकता पड़े, तो तुम्हें भी मेरा इतना ही काम कर देना होगा। तुम्हें यह लिख देना होगा कि तुम्हारे खेत में मैं जितने घंटे काम करूँगा, उतने ही घंटे जरूरत पड़ने पर, तुम मेरे खेत में काम करोगे। यह भी मान लीजिए की बीमार की बीमारी लंबी चली और हर बार उसे उसे आदमी को इस तरह का हालकनामा लिख कर देना पड़ा। अब जब बीमार आदमी अच्छा होगा तब उन दोनों की स्थिति क्या होगी? हम देखेंगे की दोनों ही पहले से गरीब हो गए है। क्योंकि बीमार आदमी जब तक खाट पर पड़ा