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सर्वोदय

अच्छा है। इस तरह के विचारों के प्रचार के कारण इङ्गलैण्ड और दूसरे देशों में कारखाने बढ़ गये हैं। बहुत से आदमी शहरों में जमा होते हैं और खेती-बारी छोड़ देते हैं। बाहर की सुन्दर स्वच्छ वायु को छोड़कर कारखानों की गन्दी हवा में रात-दिन सांस लेने में सुख मानते हैं। इसके फलस्वरूप जनता कमजोर होती जा रही है, लोभ बढ़ता जा रहा है और अनीति फैलती जा रही है। और जब हम अनीति को दूर करने की बात उठाते हैं तब बुद्धिमान कहलाने वाले लोग कहते हैं कि अनीति‌ दूर नहीं हो सकती, अज्ञानियों को एकदम ज्ञान नहीं हो सकता, इसलिए जैसा चल रहा है वैसा ही चलने देना चाहिए। यह दलील देते हुए वे यह बात भूल जाते हैं कि गरीबों की अनीति का कारण धनवान हैं। उनके भोग विलास का सामान जुटाने के लिए गरीब रात-दिन मजदूरी करते हैं। उन्हें कुछ सीखने या कोई अच्छा