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सर्वोदय


तब क्या हम ट्रान्सवाल जैसा स्वराज्य प्राप्त करेंगे? जनरल स्मट्स उसके नायको में से एक हैं। वह लिखित या जबानी दिये हुए वचनों का पालन नहीं करते। कहते कुछ हैं और करते कुछ। अँग्रेज उनसे ऊब उठे हैं। रुपया बचाने के बहाने उन्होंने अँग्रेज सैनिकों की लगी रोजी छीनकर उनके स्थान में डच लोगों को रक्खा है। हम नहीं मानते कि इससे अन्त में डच भी सुखी होंगे। जो लोग स्वार्थ पर दृष्टि रखते हैं वे पराई जनता को लूटने के बाद अपनी जनता को लूटने के लिए सहज ही तैयार हो जायँगे।

संसार के समस्त भागों पर दृष्टि डालने से हम देख सकते हैं कि जो राज्य स्वराज्य के नाम से पुकारा जाता है, वह जनता की उन्नति और सुख के लिए पर्याप्त नहीं है। एक सीधा उदाहरण लेकर हम आसानी से इस बात को देख सकते हैं। लुटेरों के दल में स्वराज्य हो जाने