पृष्ठ:साम्प्रदायिकता.pdf/५९

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नहीं हैं। इस समय यहां हिंदू, मुसलमान, फारसी, ईसाई, बौद्ध और जैन भी वास करते हैं। " धर्म तो यहां पहले भी प्रचलित था, लेकिन इसके साथ हिन्दू शब्द बाद में लगा और यहां लोगों के धार्मिक विश्वासों के साथ जोड़ दिया। आज भी यदि पूछा जाए कि हिन्दू कौन है तो उसकी कोई स्पष्ट पहचान नहीं है बल्कि इसका उत्तर इस तरह दिया जाता है कि जो बौद्ध, जैन, मुस्लिम, ईसाई आदि धर्मों का अनुयायी नहीं हैं वह हिन्दू है । कमाल की बात है कि जो धार्मिक कर्मकांड़ों को जैसे यज्ञ, तिलक-माला, तीर्थ, व्रत, पूजा विधि आदि और धर्म के दार्शनिक पक्ष को (पुनर्जन्म, ईश्वर आदि) को भी नहीं मानता उसे भी हिन्दू की श्रेणी में गिना जाता है। हिन्दुत्व' शब्द नया शब्द है जिसके प्रयोग को सौ साल भी नहीं हुए। 'हिन्दुत्व' शब्द को सबसे पहले वीर सावरकर ने प्रयोग किया और परिभाषा दी । वीर सावरकर ने इस शब्द का प्रयोग उस समय नहीं किया जब वे अंग्रेजों के खिलाफलड़े और जेल गए बल्कि उस समय किया जब अपनी रिहाई के लिए अंग्रेजों से माफी मांगी और बदले में अंग्रेजों की मदद करने का आश्वासन भी दिया। 1924 में, वीर सावरकर ने अपनी पुस्तक में 'हिन्दुत्व' शब्द का प्रयोग किया व परिभाषा दी । अहमदाबाद (कर्णवती) में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के 19 वें अधिवेशन में उसकी व्याख्या की। 'आसिन्धु सिन्धुपर्यन्ता यस्य भारत भूमिका । पितृभूः पुण्यभूश्चैक स वै हिन्दुरीति अभृत:।' अर्थात सिन्धु सरिता से सिन्धु सागर तक फैले हुए प्रदेश को अपनी पितृभूमि और पुण्यभूमि मानता हो, वही सच्चा (सम्पूर्ण) हिन्दू है । यह परिभाषा बहुत ही चालकीपूर्ण ढंग से निर्मित की है जिसमें पितृभूमि का अर्थ है जन्मभूमि और पुण्यभूमि का अर्थ है व्यक्ति जिस देव को मानता है उसका पूजा स्थल या आस्था स्थल । सवाल उठता है कि सावरकर ने 'हिन्दुत्व' शब्द का प्रयोग क्यों किया? इसके पीछे उनकी मंशा क्या थी? जबकि सावरकर की स्वयं की कोई धार्मिक आस्था नहीं थी, क्योंकि वे तो नास्तिक व्यक्ति थे और धार्मिक रूढ़िवाद के भी खिलाफ थे । इसलिए वे हिन्दू साम्प्रदायिकता के लिए कोई धार्मिक शब्द नहीं प्रयोग करना चाहते थे, उनकी मंशा थी कि साम्प्रदायिक अभियान में जैन, बौद्ध और सिक्खों को भी शामिल किया जा सके इसलिए ऐसी परिभषा गढ़ी जिसमें इनका समावेश हो सके। लेकिन यह परिभाषा किसी भी तरह से उचित नहीं है। इस परिभाषा को मान लेने से कई तरह की जन्म ले सकती हैं । 60 / साम्प्रदायिकता