पृष्ठ:साम्प्रदायिकता.pdf/७६

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बीच घमासान युद्ध हुआ, जबकि इन दोनों का धर्म इस्लाम था। अकबर और महाराणा प्रताप की लड़ाई को हिन्दू मुसलमान की लड़ाई के रूप में पेश किया जाता है, जो तथ्यपरक नहीं है, क्योंकि यह दो राजाओं की लड़ाई थी जो अपने अपने राज्य का विस्तार करना चाहते थे। यदि यह हिन्दू व मुसलमान के बीच युद्ध होता तो अकबर की ओर से हृदी घाटी के युद्ध में राजा मान सिंह न लड़ता और महाराणा प्रताप की और से हकीम सूर खान न लड़ता । इसी तरह औरगंजेब और शिवाजी के सत्ता संघर्ष को तथा औरगंजेब और गुरु गोविन्द के बीच सत्ता संघर्ष को हिन्दू मुसलमान व मुसलमान सिक्ख की लड़ाई के तौर पर पेश किया गया जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने के लिए नायक व खलनायक चरित्र बनाए। जो एक के लिए नायक के रूप में पेश किया गया वह दूसरे के लिए खलनायक के रूप में महाराणा प्रताप, शिवाजी और गुरु गोविन्द सिंह को हिन्दुओं के नायक व हिन्दू धर्म के रक्षक के रूप में तो औरगंजेब को खलनायक के रूप में तथा मुसलमानों के नायक व इस्लाम के स्थापक के रूप में पेश किया। | मुहम्मद गजनवी द्वारा सोमनाथ के मंदिर तोड़ने की घटना को हिन्दू धर्म का अपमान करने और इस्लाम की स्थापना करने की घटना की तरह प्रस्तुत किया, जबकि तथ्य ऐसे नहीं हैं। मुहम्मद गजनी अफगानिस्तान के गजना नामक शहर का रहने वाला था। गजना से सोमनाथ तक पहुंचने के लिए हजारों मील का सफर तय किया और उसके रास्ते में हजारों नहीं तो सैंकड़ों मन्दिर तो जरूर आये होंगें, लेकिन उसने उनको नहीं गिराया। यदि वह हिन्दू धर्म से नफरत के कारण मंदिर गिराता तो ये मंदिर भी उसको गिराने चाहिए थे, लेकिन उसकी इस काम में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह तो धन लूटना चाहता था और वह सोमनाथ के मंदिर में था इसलिए उसने सोमनाथ का मंदिर गिराया और उसकी मूर्तियों बंद हीरे-जवाहरात को लूटने के लिए उनको तोड़ा। यह भी काफी महत्त्वपूर्ण है कि मुहम्मद गजनी की फौज में काफी बड़ी संख्या में हिन्दू थे और उसके 12 सेनापतियों में से 5 हिन्दू थे — तिलक, सोंधी, हरजान, राण, हिंद | यह भी गौर करने लायक है कि यदि वह इस्लाम की स्थापना करना चाहता तो वापस जाते वक्त हिन्दू को अपने प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त न करता। यदि वह इस्लाम की स्थापना करना चाहता तो मुल्तान में मस्जिद क्यों तोड़ता। साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा यह प्रचार किया जाता है कि औरंगजेब ने धार्मिक कट्टरता के कारण मंदिर गिरवाए, जिसमें आंशिक सच्चाई है। औरंगजेब ने मंदिरों को गिराया जरूर, लेकिन उसके कारण धार्मिक नफरत नहीं है, साम्प्रदायिकता और इतिहास / 77