पृष्ठ:साम्प्रदायिकता.pdf/८०

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किया। साम्प्रदायिक लोग औरगंजेब के बारे में कहते हैं कि उसने धार्मिक घृणा के कारण मंदिरों को गिराया, जब साम्प्रदायिक शक्तियां लोगों नफरत फैलाने के लिए इतिहास का दुरुपयोग करती हैं। एक शासक को किसी विशेष धर्म का प्रतिनिधि मानकर उसे कार्यों को धर्म प्रेरित कार्य मानते हैं, और उनको उस सम्प्रदाय के लोगों के खिलाफ घृणा फैलाने के लिए प्रयोग करते हैं, कई बार उसके बारे में झूठी कहानियां भी गढ लेते हैं जिनका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं होता । औरगंजेब के बारे में भी ऐसा मिथ्या प्रचार किया गया कि वह लोगों का जबरदस्ती मुसलमान बनाता था । जबकि ऐतिहासिक सबूत इसके उलट हैं। एक उदाहरण प्रस्तुत है। आरैंगजेब के पिता शाहजहां ने बनघेरा के राजा इंद्रमन को कैद कर लिया था। औरंगजेब ने इंद्रमन को आजाद करने की सिफारिश शाहजहां से की। शाहजहां ने उसकी सिफारिश नहीं मानी, लेकिन जब औरगंजेब इस पर जोर दिया तो शाहजहां ने यह शर्त लगा दी कि यदि वह मुसलमान बन जाए तो उसे छोड़ा जा सकता है। औरगंजेब ने शाहजहां की इस बात को उचित नहीं माना ओर उसका विरोध किया। औरगंजेब का यह विरोध पत्र 'अदब- ए-आलमगीर' में सुरक्षित है । एक और बात ध्यान देने योग्य है कि सन 1872 की जनगणना पहली प्रामाणिक जनगणना मानी जाती है। इस के अनुसार मुसलमानों की आबादी उतर-पश्चिमी सीमा पर अफगानिस्तान बलुचिस्तान आदि प्रदेशों और आजकल के बंगलादेश में अधिक थी, यह यहां की कुल आबादी का 80 प्रतिशत थी, जबकि आगरा और दिल्ली के पास जहां औरंगजेब की राजधानी थी, वहां मुसलमानों की आबादी लगभग 11 प्रतिशत थी । यदि तलवार के जोर पर मुसलमान बनाया गया होता तो अपनी राजधानी के पास तो इसका जोर अधिक चलता और यहां की सारी जनता मुसलमान बना ली जाती और यहां एक भी हिन्दू न बचता, जबकि आंकडे इससे हटकर हैं और इस बात की ओर संकेत करते हैं कि धर्म परिवर्तन का कारण तलवार का जोर नहीं बल्कि अन्य कोई कारण रहे हैं । अंग्रेज इतिहासकारों ने औरगंजेब को एक कट्टर, धर्मांध मुसलमान के रूप में चित्रित किया । हिन्दू साम्प्रदायिक शक्तियों ने औरगंजेब के बारे फैलाया कि वह हर रोज लाखों हिन्दुओं के जनेऊ काटकर दोपहर का खाना खाता था, उसने इस्लाम को प्रचारित करने के लिए तलवार का सहारा लिया, वह हिन्दू धर्म से इतनी नफरत करता था कि उसने हिन्दू धर्म को नष्ट करने के लिए मंदिरों को तोड़ा और मूर्तियों को नष्ट किया। दूसरी और मुस्लिम साम्प्रदायिक शक्तियों ने औरगंजेब को इस तरह से प्रस्तुत किया जैसे कि वह इस्लाम को प्रसारित करने के लिए अवतार हुआ हो, साम्प्रदायिकता और इतिहास / 81