पृष्ठ:साम्प्रदायिकता.pdf/९५

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वर्ष कुल जनसंख्या करोड़ में 1961 43.9 1971 54.8 1981 68.5 1991 85.6 हिन्दू प्रतिशत 83.4 82.7 82.4 82.0 1961 1989 मुस्लिम प्रतिशत 10.5 11.2 हिन्दू-परिवार 5.8 प्रतिशत 5.06 प्रतिशत 11.7 12.2 ईसाई प्रतिशत 2.60 2.44 2.32 4. बहुविवाह की प्रथा सबसे अधिक आदिवासियों, बौद्धों, जैनियों और हिन्दुओं में पायी गई, इस क्रम में मुसलमान सबसे पीछे हैं। वर्ष बहु विवाहित बहु विवाहित मुस्लिम परिवार 5.7 प्रतिशत 4.3 प्रतिशत -- 5. जनसंख्या के घटने या बढ़ने का कारण कोई धर्म नहीं है, बल्कि अशिक्षा और गरीबी है । शिक्षित हिन्दू और शिक्षित मुसलमानों में जनसंख्या वृद्धि एक जैसी है। अशिक्षित व गरीब हिन्दू और अशिक्षित व गरीब मुसलमानों में जनसंख्या वृद्धि एक जैसी है। केरल के मुसलमान और उत्तरप्रदेश के मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि में काफी अन्तर है। केरल के मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर उत्तरप्रदेश के हिन्दुओं से कम है। 6. इस्लाम धर्म के प्रणेता हजरत मुहम्मद ने जो चार शादियों की इजाजत दी थी असल में वह छूट नहीं थी, बल्कि वह एक बंधन था। उस समय कुछ लोग बहुत अधिक शादियां कर लेते थे और वे अपनी पत्नियों से एक समान व्यवहार नहीं कर पाते थे, इसलिए हजरत मुहम्मद ने अधिकतम चार शादियों के साथ यह शर्त भी लगाई थी कि सब पत्नियों के साथ न्याय हो । 7. विचार करने की बात है कि साम्प्रदायिक शक्तियां इसको अपने साथ अन्याय कैसे कहती हैं, यदि इसमें अन्याय व शोषण है तो मुस्लिम महिला के साथ है और उसके प्रति उनकी कोई सहानुभूति नहीं है । वे अपने लिए चार शादियां करने का अधिकार मांगती हैं, जो असल में उनकी पुरुषवादी सोच को दर्शाता है। मुसलमान क्रूर, हिंसक व आतंकवादी होते हैं मुसलमानों के बारे में यह प्रचार जोर शोर से किया जाता है कि वे अधिक क्रूर होतें हैं और इसके पीछे कई बेहूदा तर्क दिए जाते हैं। यह कहा जाता है 96 / साम्प्रदायिकता